भारत की यूरोप के चार देशों के साथ कारोबारी संधि एक बड़ा कदम मानी जा रही है। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने खुद इसे एक ऐसी उपलब्धि बताया है जो आने वाले वक्त में भारत को एक बड़ा लाभ पहुंचाएगी। यूरोप के जिन चार देशों के साथ यह एफटीए संधि हुई है वे हैं— आइसलैंड, नॉर्वे, लिकटेंस्टीन तथा स्विट्जरलैंड।
राजधानी नई दिल्ली में कल संपन्न हुई इस संधि पर उक्त चार देशों के साथ भारत ने मुक्त व्यापार संघ (एफटीए) तथा आर्थिक साझेदारी समझौते (टीईपीए) पर हस्ताक्षर करके एक बड़ी छलांग लगाई है। जयशंकर के शब्दों में यह ऐसी ‘विशेष उपलब्धि’ है जिसके माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक सहयोग और कारोबार को और विस्तार मिलेगा।
इस एफटीए और टीईपीए संधि के रास्ते भारत के लिए अपने देश में कारोबार, निवेश, रोजगार के अवसर निर्माण करने तथा आर्थिक विकास में तेजी लाने के रास्ते खुलेंगे। इस संधि से उत्साहित जयशंकर ने इसके बारे में ट्वीट किया। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, “आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे तथा स्विट्जरलैंड साथ भारत की साझीदारी के लिए एक महत्वपूर्ण दिन।” इसके साथ ही जयशंकर ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को संधि के लिए बधाई दी। बताया गया कि इस संधि पर हस्ताक्षर को लेकर गत 16 वर्ष से सिर्फ बातचीत ही हो रही थी।
टीईपीए संधि के तहत ईएफटीए देशों को विश्व की सर्वाधिक तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था, भारत के साथ 15 वर्ष में 100 अरब डॉलर का निवेश करना ही होगा। दरअसल साल 2014 के बाद, भारत यूएई, मॉरीशस तथा ऑस्ट्रेलिया के साथ ऐसी तीन संधियों पर हस्ताक्षर कर चुका है। इन चार यूरोपीय देशों से संधि होने के साथ ही यूके, पेरू, ओमान तथा इस्राएल के साथ भी इस प्रकार की व्यापार संधि पर चर्चा जारी है। संभवत: जल्दी ही इन देशों के साथ भी भारत का इस प्रकार का समझौता हो जाएगा।
अपने उसी ट्वीट में भारत के विदेश मंत्री ने कहा कि भारत-ईएफटीए टीईपीए एक बहुत अहम कामयाबी है। यह आर्थिक क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को विस्तार देने के एक नए रास्ते को दिखाता है। विदेश मंत्री ने भारत-ईएफटीए बैठक के अलग नई दिल्ली में मौजूद आइसलैंड के विदेश मंत्री बजरनी बेनेडिक्टसन से भी द्विपक्षीय वार्ता की।
इस वार्ता के बारे में भी उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि भारत-ईएफटीए बैठक के अवसर पर आइसलैंड के विदेश मंत्री बजरनी बेनेडिक्टसन के साथ अच्छी चर्चा हुई। इसमें आपसी सहयोग, निवेश तथा व्यापार के नए क्षेत्रों को लेकर बात हुई। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस संधि को लेकर सराहना कर चुके हैं। इस समझौते पर गत 7 मार्च को कैबिनेट बैठक में हरी झंडी मिल गई थी। तीन दिन बाद ही इस पर हस्ताक्षर हो गए।
संधि पर भारत की ओर से उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, स्विट्जरलैंड के फेडरल काउंसलर एवं आर्थिक मामलों, शिक्षा व अनुसंधान विभाग के प्रमुख गाइ पार्मेलिन, आइसलैंड के विदेश मंत्री बजरनी बेनेडिक्टसन, लिकटेंस्टीन की विदेश मंत्री डोमिनिक हस्लर और नॉर्वे के व्यापार एवं उद्योग मंत्री जे. क्रिश्चियन वेस्ट्रे ने दस्तखत किए।
इस टीईपीए संधि के तहत ईएफटीए देशों को विश्व की सर्वाधिक तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था, भारत के साथ 15 वर्ष में 100 अरब डॉलर का निवेश करना ही होगा। दरअसल साल 2014 के बाद, भारत यूएई, मॉरीशस तथा ऑस्ट्रेलिया के साथ ऐसी तीन संधियों पर हस्ताक्षर कर चुका है। इन चार यूरोपीय देशों से संधि होने के साथ ही यूके, पेरू, ओमान तथा इस्राएल के साथ भी इस प्रकार की व्यापार संधि पर चर्चा जारी है। संभवत: जल्दी ही इन देशों के साथ भी भारत का इस प्रकार का समझौता हो जाएगा।
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