नई दिल्ली । तृणमूल कांग्रेस के नेता शेख शाहजहां को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस गिरफ्तारी को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पश्चिम बंगाल सरकार का महज दिखावा करार दिया है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने आज यहां कहा कि तृणमूल कांग्रेस की सरकार और पुलिस किस बात का ढिंढोरा पीट रही है? ऐसा तभी हुआ जब भाजपा ने संदेशखाली का मुद्दा उठाया, सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किए और अदालतों के आदेश पर टीएमसी सरकार और पुलिस को कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कहा कि शाहजहां को सिर्फ दिखावे के तौर पर गिरफ्तार किया गया है, यह दिखावा करने के अलावा और कुछ नहीं है। अभी तक शाहजहां राज्य सरकार के संरक्षण में था, जिसे अब गिरफ्तार दिखाया गया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि टीएमसी जानती थी कि संदेशखाली का मुख्य आरोपित टीएमसी नेता शाहजहां शेख कहां है, क्योंकि राज्य सरकार ने उसे संरक्षण दे रखा था। विधानसभा में ममता बनर्जी ने उसका बचाव किया और बाहर अभिषेक बनर्जी ने उसका बचाव किया।
गिरफ्तारी बनी मजबूरी..!
बता दें कि कलकत्ता हाई कोर्ट की फटकार के बाद पश्चिम बंगाल पुलिस की नींद टूटी। और 55 दिन की खींचतान के बाद संदेशखाली के मुख्य आरोपित और तृणमूल नेता शेख शाहजहां को आखिरकार बंगाल पुलिस ने गत रात मिनाखां इलाके से गिरफ्तार कर लिया।
क्या बोले पुलिस अधिकारी
दक्षिण बंगाल एडीजीपी सुप्रतिम सरकार ने शेख शाहजहां की गिरफ्तारी पर कहा, “इस मामले में शिकायत धारा 354 से संबंधित नहीं थी। 7, 8 और 9 फरवरी के बाद कई मामले सामने आए हैं, लेकिन 8 और 9 फरवरी के बाद से दर्ज हुए सभी मामले उन घटनाओं से संबंधित हैं जो दो या तीन साल पहले हुई थीं। उनकी जांच करने, सुबूत इकट्ठा करने, सुबूत जांचने में समय लगता है, खासकर उन मामलों के संदर्भ में जो दो साल पहले घटित हुए हों।”
जानिए क्या कहा था कलकत्ता हाई कोर्ट ने
उल्लेखनीय है कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने बुधवार को टिप्पणी की थी कि जिस नेता के खिलाफ 42 प्राथमिकी हैं उसे आज तक गिरफ्तार नहीं किया गया। पुलिस अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकती। सोमवार को भी हाई कोर्ट ने ऐसी ही टिप्पणी की थी। इसके बाद तृणमूल नेता कुणाल घोष ने कहा था कि शाहजहां को एक हफ्ते के भीतर गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि जनवरी महीने की पांच तारीख को संदेशखाली में छापा मारने गई गई ईडी की टीम पर हजारों लोगों ने हमला किया था। इस दौरान शाहजहां भूमिगत हो गया था। इसके बाद पीड़ित महिलाओं ने दावा किया कि सालों साल शेख शाहजहां और उसके लोगों ने उनका शारीरिक शोषण किया है। उनकी भूमि जबरदस्ती छीन ली गई है। यह खुलासा होने के बाद राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस, केंद्रीय महिला आयोग, मानवाधिकार आयोग, अनुसूचित जनजाति आयोग समेत दिल्ली से फैक्ट फाइंडिंग टीम के सदस्य संदेशखाली पहुंचे। तब परत-दर-परत और खुलासे हुए और संदेशखाली सुर्खियों में आया। शाहजहां को गिरफ्तार नहीं करने की वजह से बंगाल पुलिस की खूब किरकिरी हुई।
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