उदयपुर । राजस्थान के वनवासी बहुल क्षेत्र से “भारत आदिवासी पार्टी” के विधायक राजकुमार रोत ने भगवान राम और रामायण के पात्रों पर विवादित बयान दिया है। जिसके बाद विधायक राजकुमार रोत के खिलाफ वनवासी समाज के विभिन्न संगठनों ने विरोध जताते हुए मोर्चा खोल दिया है।
वहीं बुधवार को वनवासी बहुल कोटड़ा के वनवासी युवाओं ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन देकर विधायक राजकुमार रोत के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने का मामला दर्ज करने की मांग भी की है। वनवासी युवाओं द्वारा राज्यपाल के नाम दिए गए ज्ञापन में विधायक रोत पर धार्मिक भावनाएं आहत करने के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 295 के तहत मुकदमा दर्ज कर उनके खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की गई है।
वहीं इस मामले पर एडवोकेट हिम्मत तावड़ ने बताया कि “भारत आदिवासी पार्टी” के विधायक राजकुमार रोत द्वारा भारतीय संस्कृति व आस्था रामायण व रामायण के महानायकों माता सबरी भीलनी, निषादराज, हनुमानजी, राम, लक्ष्मण, सीता को काल्पनिक कहकर उन्हें अपमानित करने से समस्त वनवासी समाज आहत हुआ है।
तावड़ ने कहा कि जनजाति समाज सनातन संस्कृति का पोषक व संरक्षक समाज है, यहां हर व्यक्ति अपने बच्चों के नाम के साथ राम शब्द जोड़ता है, यहां हर गांव में हर व्यक्ति मिलते समय राम-राम बोलता है, लोकाई, शादी, ब्याह में लाइन से खड़े होकर राम-राम बोलते हैं। राम हमारे जीवन के आदर्श हैं। भगवान राम 10 वर्षों तक वनवास के समय दंडकारण्य में वनवासियों के बीच रहे हैं। उन्होंने वनवासियों को संगठित किया, जीवन जीने की राह दिखाई, इतना ही नहीं भगवान राम ने वनवासियों को शक्ति संपन्न बनाकर लंका पर विजय भी प्राप्त की थी।
हिम्मत तावड़ ने आगे आरोप लगाते हुए कहा कि क्षेत्र में राजनीतिक दल के नेता ईसाई मिशनरियों व विदेशी शक्तियों से प्रेरित होकर वनवासियों को संस्कृति, धार्मिकता की पटरी से नीचे उतारकर कन्वर्जन गैंग को सपोर्ट करने के लिए हिन्दू देवी देवताओं को काल्पनिक बताकर युवाओं के मन से पूर्वजों की आस्था को मिटाने का करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने ऐसे लोगों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की आवश्यकता बताई है।
सहयोग – इनपुट फीड
टिप्पणियाँ