इजरायल हमास युद्ध के बीच जब से इस बात का खुलासा हुआ है कि 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हमास के इस्लामिक आतंकियों के बर्बर हमले में संयुक्त राष्ट्र की संस्था UNRWA के लोग भी शामिल थे, संस्था की मुसीबतें बढ़ गई हैं। इस घटना के बाद इस संस्था को पश्चिमी देशों समेत दुनियाभर के कई देशों ने अपनी फंडिंग को रोक दिया है। ऐसे में अब ईरान ने फंडिंग के लिए आगे आने की अपील की है।
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ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने रविवार को यूएनआरडब्ल्यूए कर्मचारियों पर इजरायल के आरोपों की निंदा की, साथ ही अल अक्सान के प्रतिरोध अभियान में शामिल होने का आरोप लगाया। ईरान का आरोप है कि यहूदी गाजा पट्टी में एनजीओ की गतिविधियों को कुचलने के लिए इस तरह के आरोप लगा रहे हैं। कमानी ने कहा कि इजरायल ये आरोप इसलिए लगा रहा है कि गाजा में 150 से अधिक एनजीओ के वर्कर्स की हत्या से वो अपने शासन को दोषमुक्त कर सके।
ईरानी विदेश मंत्रालय का मानना है कि केवल इजरायल के आरोपों के आधार पर पश्चिमी देशों द्वारा यूएनआरडब्ल्यूए की फंडिंग को रोक देना बहुत ही खतरनाक फैसला है। ये लोग इजरायल को फंडिंग को रोकने की जगह इजरायल को दिए जा रहे सैन्य समर्थन को भी तो रोक सकते थे।
तेहरान ने पश्चिमी देशों द्वारा फंडिंग रोके जाने के बाद इस्लामिक देशों से फिलिस्तीन के लोगों के लिए फंडिंग करने की अपील की है।
क्या है पूरा मामला
हाल ही में इजरायली सेना ने कुछ आतंकियों को गिरफ्तार किया था, जिन्होंने पूछताछ के बाद इस बात का खुलासा किया था कि 7 अक्टूबर के हमले में UNRWA के कर्मचारी भी शामिल थे। इस बात का खुलासा होते ही इजरायल भड़क गया। उसने बकायदा सबूतों के साथ संयुक्त राष्ट्र पर आरोप लगाया। इसके बाद तुरंत एक्शन में आते हुए UNRWA की चीफ फिलिप लाजारिनी ने एक बयान जारी कर कहा कि इस मामले के सामने आने के बाद उन्होंने अपने कई कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। हालांकि, कितने लोगों पर एक्शन लिए गए इस बात का उन्होंने जिक्र तक नहीं किया।
उल्लेखनीय है कि UNRWA संयुक्त राष्ट्र की एक संस्था है, जो कि गाजा में रहकर लंबे वक्त से केवल फिलिस्तीन के लिए काम कर रही है।
किन-किन देशों ने रोकी फंडिंग
गौरतलब है कि इजरायल के आरोपों और बचाव में UNRWA के एक्शन के बाद अब पश्चिमी देश और उनके सहयोगी देशों ने भी एक्शन लिया है। इसके तहत अमेरिका समेत, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, यूनाइटेड किंगडम, इटली, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, फिनलैंड, नीदरलैंड और फ्रांस ने संयुक्त राष्ट्र संस्था को होने वाली फंडिग को रोक दिया है।
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