इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध के 80 से भी अधिक दिन बीतने के बाद एक बार फिर से अमेरिका ने इजरायल की मदद के लिए आपातकालीन शक्तियों का इस्तेमाल किया है। बाइडेन प्रशासन ने अमेरिकी सीनेट यानि कांग्रेस को बाईपास करते हुए इजरायल को 147.5 मिलियन डॉलर का हथियार बेचने जा रहा है।
इसको लेकर अमेरिकी विदेश ने सफाई दी है कि राज्य सचिव एंटनी ब्लिंकन ने कांग्रेस को बताया था कि उन्होंने फ़्यूज़, चार्जर और प्राइमर सहित उपकरणों को इजरायल को बेचने का दूसरा निर्णय लिया है। ये उपकरण 155 मिमी के गोले बनाने के काम आते हैं। इजरायल इसके फंक्शन को पहले ही खरीद चुका है। विदेश विभाग ने इस मामले में कहा, “इजरायल की रक्षात्मक जरूरतों के मद्देनजर सचिव ने कांग्रेस को सूचित किया था कि उन्होंने इजरायली मदद की मंजूरी के लिए अपने आपातकालीन अधिकार का प्रयोग किया है।”
अमेरिका का कहना है कि वो इजरायल की सुरक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है। ऐसा करना अमेरिका के राष्ट्रीय हितों के लिए भी जरूरी है कि इजरायल हर खतरे से निपटने में सक्षम हो।
क्या है आपातकालीन निर्णय
गौरतलब है कि अमेरिका में कानून के मुताबिक, किसी भी देश को हथियारों की बिक्री के लिए पहले अमेरिकी कांग्रेस की मंजूरी की आवश्यकता होती है। लेकिन राष्ट्रपति के पास आपातकालीन परिस्थितियों में अमेरिकी कांग्रेस को बाईपास करने की भी शक्ति है। सरकार को इसके लिए कांग्रेस की समीक्षा की आवश्यकता खत्म हो जाती है।
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पहले भी हुआ था ऐसा
उल्लेखनीय है कि इजरायल इस समय मल्टी फ्रंट वार के खतरे का सामना कर रहा है और अमेरिका उसके साथ कदम से कदम मिलाकर खड़ा हुआ है। इसी के तहत हाल ही में 9 दिसंबर को ब्लिंकन ने अपनी आपातकालीन शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए 106 मिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के लगभग 14,000 राउंड टैंक गोला-बारूद की बिक्री को मंजूरी दे दी थी। खास बात ये है कि दूसरी ओर करीब डेढ़ साल से चल रहे रूस यूक्रेन युद्ध में यूक्रेन को 106 अरब डॉलर के सहायता पैकेज का मुद्दा अभी भी कांग्रेस में अटका हुआ है। उसके लिए अमेरिकी प्रशासन ने कांग्रेस को बाईपास करना उचित नहीं समझा।
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