ब्रिटेन की गृहमंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने इस्राएल की हमास पर जवाबी कार्रवाई को लेकर किए जा रहे विरोध प्रदर्शनों पर कड़ा रुख दिखाया है। उन्होंने इन प्रदर्शनों को ‘नफरत के मार्च’ ही नहीं बताया बल्कि इनमें शामिल होकर अपराधियों द्वारा की जा रहीं हरकतों की भर्त्सना की। सुएला ने कहा कि इन प्रदर्शनों में यहूदियों के प्रति जो वैमनस्यता झलकाई जा रही है, यह ठीक नहीं है। ब्रिटेन की गृहमंत्री ने पुलिस से भी कहा है कि ऐसी चीजों पर पूरी सख्ती बरती जाए।
उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन में पिछले तीन सप्ताहांतों से ‘फिलिस्तीन के समर्थन’ में राजधानी लंदन में रैलियां निकाली जा रही हैं। पिछली दो बार से तो इनमें शामिल लोगों का आंकड़ा एक लाख के आसपास बताया जा रहा है। लंदन की सब सड़कें अस्त—व्यस्त कर दी जाती हैं और संसद के एकदम पास से यह रैली गुजारी जाती है। प्रधानमंत्री निवास 10, डाउनिंग स्ट्रीट भी वहां से ज्यादा दूर नहीं है। इन रैलियों में मुस्लिमों की भरमार तो रहती ही है, बहुत से सेकुलर अंग्रेज भी शामिल होते हैं। दो हफ्ते पहले की रैली में कुछ कट्टरपंथी मुसलमानों ने जिहाद के नारे भी लगाए थे और यहूदियों के प्रति खुलकर नफरत जताई थी। वे फिलिस्तीनियों के समर्थन में युद्धबंदी की मांग कर रहे थे।
सुएला ब्रेवरमैन ने इन विरोध प्रदर्शनों को ‘नफरती मार्च’ बताते हुए यह भी कहा है कि ‘नफरत फैलाने वाले’ तत्वों पर सख्ती से लगाम लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए अगर जरूरत हुई तो ब्रिटेन के आतंकवादरोधी कानून को बदले तक जाने से परहेज नहीं किया जाएगा। सुएला ने यह वक्तव्य उस आपात सुरक्षा बैठक के फौरन बाद दिया जो ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की अध्यक्षता में संपन्न हुई थी। उन्होंने बताया कि बैठक में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से देश को ‘गंभीर खतरा’ बना हुआ है। इसके मायने ये हैं कि ब्रिटेन को भी किसी आतंकी हमला होने का अंदेशा है।
ब्रिटेन में पिछले तीन सप्ताहांतों से ‘फिलिस्तीन के समर्थन’ में राजधानी लंदन में रैलियां निकाली जा रही हैं। पिछली दो बार से तो इनमें शामिल लोगों का आंकड़ा एक लाख के आसपास बताया जा रहा है। लंदन की सब सड़कें अस्त—व्यस्त कर दी जाती हैं और संसद के एकदम पास से यह रैली गुजारी जाती है। प्रधानमंत्री निवास 10, डाउनिंग स्ट्रीट भी वहां से ज्यादा दूर नहीं है। इन रैलियों में मुस्लिमों की भरमार तो रहती ही है, बहुत से सेकुलर अंग्रेज भी शामिल होते हैं। दो हफ्ते पहले की रैली में कुछ कट्टरपंथी मुसलमानों ने जिहाद के नारे भी लगाए थे और यहूदियों के प्रति खुलकर नफरत जताई थी।
इस मौके पर सुएला ने पुलिस विभाग से साफ कहा कि पुलिस यह सुनिश्चित करे कि यहूदी समुदाय के विरुद्ध कैसी भी भावनाएं न भड़काई जाएं, इसके बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पत्रकारों द्वारा गत दिनों लंदन सहित कई अन्य शहरों में हुए फिलिस्तीन समर्थकों के विरोध प्रदर्शनों के संबंध में सवाल पूछे गए, जिन पर सुएला का कहना था उनके हिसाब से वे रैलियां नफरत की रैलियां ही हैं। यहूदी लोगों के नरसंहार के बाद अब पिछले दिनों हजारों लोग सड़कों पर उतरे, यहूदी विरोधी भावनाएं भड़काई गईं। ये लोग तो इस्राएल को दुनिया के नक्शे से ही मिटा देना चाहते हैं।
ब्रिटिश गृहमंत्री का कहना था कि सरकार लगातार कानूनों की समीक्षा करती रहती है। इन कानूनों में कहीं कोई बदलाव करने की आवश्यकता लगती है, वे बेझिझक वह कदम उठाएंगी। इस बीच गाजा से आई खबरें बता रही हैं कि इस्राएल की फौज ने हमास के जिहादियों तथा गाजा में कई स्थानों जमीनी हमला शुरू कर दिया है। इसके बीच में इस्राएल के हवाई हमले भी गाजा पर कहर बरपा रहे हैं। युद्ध के तीन सप्ताह के दौरान, अभी तक आठ हजार लोग मारे जा चुके हैं जबकि उत्तरी गाजा से लगभग 8 लाख लोग अन्यत्र जा चुके हैं।
ताजा जानकारी के अनुसार इस्राएली सेना अपने टैंकों और बख्तरबंद वाहनों के साथ 30 अक्तूबर को गाजा में दाखिल हुई थी। उसने कई इलाकों में हमास के आतंकवादियों पर प्रहार किया है और इस्राएल की एक बंदी महिला सैनिक को छुड़ा लिया है।
उधर इस्राएल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू संघर्षविराम की किसी भी संभावना से इनकार कर चुके हैं। ऐसे में इस बात के पूरे आसार हैं कि युद्ध और भीषण हो जाए तथा लेबनान सीमा पर एक और मोर्चा खुल जाए। ईरान और हिज्बुल्ला की दखल इसे और जबरदस्त बना सकती है। लेकिन फिलहाल इस्राएल ने लेबनान सीमा पर बमबारी करके वहां एक प्रतिरोध खड़ा कर दिया है।
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