गुवाहाटी। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं को राम से बैर है। कांग्रेसियों को राम की तुलना में बाबर अधिक प्रिय है। यही वजह है कि कांग्रेस के किसी भी नेता ने आजादी के सात दशक से अधिक समय तक राम मंदिर निर्माण के लिए कोई प्रयास नहीं किया। यहां तक कि राम मंदिर के शिलान्यास के बाद से लेकर आज तक कोई भी कांग्रेस का नेता रामलला के दरबार में माथा टेकने तक नहीं गया। जबकि, देश-विदेश से भारी संख्या में भक्त यहां पहुंचते रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस नेता राम मंदिर में इसलिए नहीं जाते हैं, क्योंकि बाबर को मानने वाले लोग उनसे नाराज हो जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी के आने के बाद अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ हुआ। ये बातें मुख्यमंत्री डॉक्टर सरमा ने आज छत्तीसगढ़ के महासमंद में आयोजित एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे छत्तीसगढ़ में ये सभी बातें इसलिए बता रहे हैं, क्योंकि छत्तीसगढ़ से श्रीरामचंद्र जी का गहरा नाता है। उन्होंने कहा कि कौशल्या माता की भूमि छत्तीसगढ़ के लोगों को वे मां कामाख्या की भूमि असम के लोगों की ओर से प्रणाम करते हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की माता कौशल्या ने रामचंद्र जी को जन्म देकर न सिर्फ छत्तीसगढ़ और भारतवर्ष, बल्कि पूरे विश्व का कल्याण किया।
हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ की गरीब जनता के गृह निर्माण के लिए 16 लाख घरों का आवंटन करके भेजा। लेकिन, छत्तीसगढ़ की सरकार ने गरीबों को ये घर इसलिए नहीं दिए, क्योंकि ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भेजे गए थे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार ने बीते 5 वर्षों में जहां एक तरफ केंद्रीय योजनाओं को लागू नहीं किया है, वहीं हर तरफ भ्रष्टाचार और लूट-खसोट का बोलबाला रहा है।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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