भाजपा के पंजाब प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ का कहना है कि प्रदेश की भगवंत मान सरकार की मनमानी ने राज्य को वित्तीय संकट की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। फेसबुक पर जाखड़ ने कहा कि मार्च 2022 में आम आदमी पार्टी के सत्ता में आने के बाद से डेढ़ साल में 50,000 करोड़ रुपये का कर्ज और बढ़ गया है। इससे बड़ा पाखंड क्या होगा कि जो सरकार कहती है कि पैसे की कोई कमी नहीं है, वह रोजाना 100 करोड़ रुपये का कर्ज लेती है।
इस साल अप्रैल से जुलाई अंत तक सिर्फ चार महीनों में ही आप सरकार 11,718 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज ले चुकी है। अगर मौजूदा सरकार ने कर्ज लेने की आदत नहीं छोड़ी तो पांच साल के कार्यकाल में पंजाब 1.75 लाख करोड़ के कर्ज के अतिरिक्त बोझ तले दब जाएगा, जबकि पिछले 56 सालों में पंजाब पर कुल 2.82 लाख करोड़ का कर्ज पहले से हो गया है।
प्रधान महालेखाकार कार्यालय की रिपोर्ट पढ़ते हुए भाजपा नेता ने इस बात पर जोर दिया कि इस 11,718 करोड़ रुपये में से केवल 900 करोड़ रुपये रचनात्मक रूप से खर्च किए गए हैं और बाकी सारे पैसे फिजूलखर्ची में चले गए हैं। जाखड़ ने सभी पंजाबियों से मौजूदा सरकार से सवाल पूछने की अपील करते हुए कहा कि सरकार लोगों की गाढ़ी कमाई से वसूले टैक्स का पैसा फर्जी प्रचार और विज्ञापनों पर खर्च कर रही है। राज्यपाल साहब को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने भगवंत मान से 50,000 करोड़ रुपये के इस्तेमाल का ब्योरा पूछकर सरकार के वित्तीय प्रबंधन की कमजोरियों को उजागर किया।
उन्होंने कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार की परंपरा को देखते हुए उन्हें उम्मीद नहीं है कि आम आदमी पार्टी की लीडरशिप राज्यपाल द्वारा उठाए गए बहुत ही प्रासंगिक सवालों का कोई जवाब देगी लेकिन राज्यपाल द्वारा उठाए गए सवालों के बाद अब पंजाबियों ने भी पूछना शुरू कर दिया है कि मान साहब पैसा कहां गया? जाखड़ ने सवाल किया कि रेत खदानों की पारदर्शी नीलामी और शराब की बिक्री से 40,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व कहां है, जिसके बारे में केजरीवाल विधानसभा चुनाव के दौरान जोर-शोर से दावा कर रहे थे।
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