सबसे साक्षर प्रदेश कहलाने वाला केरल इन दिनों एक नए तमगे को लेकर चर्चा में है। नए आंकड़ों को लेकर चर्चा में है और ये आंकड़े किसी सकारात्मकता का नहीं, बल्कि एक ऐसी नकारात्मकता का संदेश देते हैं, जो किसी भी राज्य के लिए सहज नहीं होते। यह आंकड़े हैं, बच्चों के साथ हो रहे बलात्कार के सम्बन्ध में। हाल ही में अलुवा में बलात्कार की दो घटनाओं से लोगों में नाराजगी है और लोग प्रश्न पूछ रहे हैं।
6 सितम्बर की रात को बिहार के दो श्रमिकों के परिजन सोने की तलाश में थे। दोनों महिलाओं के पति कुछ ही देर पहले तिरुअनंतपुरम के लिए निकले थे। उनके जाने के बाद वह लोग सोने की तैयारी में लग गईं और आधी रात के बाद उनके घर की खिड़की के माध्यम से उनके घर का दरवाजा खोलकर क्रिस्टल राज नाम का एक चोर घुसता है और एक मोबाइल फोन को जेब में रखता है और साथ ही उसके बाद उस परिवार की एक आठ साल की बच्ची को उठाकर ले जाता है।
वह उसके साथ बलात्कार करता है। बच्ची की किस्मत अच्छी थी, इसलिए वह बच गयी और पुलिस ने अपराधी क्रिस्टल राज को गिरफ्तार कर लिया। यदि पड़ोसी सजग नहीं होते और बच्ची की चीख नहीं सुनते तो बच्ची के साथ कुछ भी हो सकता था। सितम्बर वाली बच्ची भाग्यशाली थी, जो बच गयी। परन्तु अलुवा में ही जुलाई में एक पांच साल की बच्ची इतनी भाग्यशाली नहीं थी कि बच जाती। वह जीवन की जंग हार गयी थी और वह भी बिहार से ही गयी परिवार की थी। इसमें बच्ची को मारने वाला अशफाक आलम भी बिहार का ही रहने वाला था।
अशफाक पर बलात्कार, अपहरण, सबूत मिटाने और कत्ल की कई धाराएं लगाई गयी थीं। हैरान करने वाली बात यह है कि अशफाक पहले से ही पॉक्सो के एक मामले में आरोपी है और एक महीने की जेल काट चुका है। पुलिस के अनुसार उसने बच्ची को घर से उठाया था और बलात्कार के बाद उसकी गला दबाकर हत्या कर दी थी। अलुवा में हुई इस घटना ने लोगों को दहलाकर रख दिया था। और जब उस बच्ची को दफनाया गया था तो वहां पर उपस्थित सभी लोगों की आँखें नम हो गयी थीं।
आंकड़े बताते हैं कि केरल में बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराधों में बहुत ही तेजी से वृद्धि हुई है और onmanorama।com के अनुसार वर्ष 2016 से लेकर मई 2023 में जिन बाल यौन अपराधों को पुलिस में रिपोर्ट किया गया है, उनकी संख्या 31,364 है। वर्ष 2021 में राज्य में कुल 41 बच्चों की हत्या हुई थी, तो वहीं 2016 से 2023 तक 20 मामले रिपोर्ट किए गए थे। टाइम्स ऑफ इंडिया ने भी केरल में बच्चों के साथ हुए यौन अपराधों के डराने वाले आंकड़े प्रस्तुत किए हैं। इसके अनुसार इस वर्ष जुलाई तक बच्चों के साथ 983 यौन अपराध हुए हैं। और यह वर्ष 2016 में दर्ज किए गए बाल अपराधों से अधिक हैं।
अलुवा वाले मामले पर बात करते हुए एर्नाकुलम चाइल्ड वेलफेयर कमिटी की पूर्व अध्यक्ष बिट्टी जोसेफ का कहना है कि हाल ही में अलुवा में हुए बलात्कार के मामले इसलिए कुछ अलग हैं क्योंकि इनमें अपराधी पीड़िताओं को जानते नहीं थे। अधिकांश मामलों में बलात्कारी पीड़ित का परिचित ही होता है। हालांकि जोसेफ का यह भी कहना है कि कई बार बच्चों के साथ हुए बलात्कार के मामले दरअसल किशोरों के मध्य बने स्वीकृति से यौन सम्बन्धों का भी मामला होते हैं क्योंकि केरल में बच्चे तकनीक का अधिक प्रयोग करने वाले हैं और शारीरिक रूप से प्रयोग करते हैं। परन्तु जब यह बातें सामने आती हैं तो जोड़ों में से एक बच्चा पॉक्सो का शिकार हो जाता है।
बिट्टी जोसेफ की बातें क्या अपराधों को हल्का बनाने की कवायद नहीं है? क्योंकि यदि कम उम्र पर बच्चे सम्बन्ध बना भी रहे हैं, तो भी उन्हें शारीरिक स्तर पर होने वाले शोषण की समझ नहीं होती है। उन्हें यह नहीं पता होता है कि इसके क्या सामाजिक, आर्थिक, मानसिक एवं सबसे बढ़कर शारीरिक दुष्परिणाम हो सकते हैं। वहीं यदि इन दोनों मामलों को देखा जाए, तो पता चलेगा कि दोनों ही आरोपी आदतन अपराधी जैसे हैं क्योंकि जहां जुलाई में पांच वर्षीय बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या करने वाले अशफाक आलम पर वर्ष 2018 में दिल्ली में पॉक्सो अधिनियम की धारा 12 और आईपीसी की धारा 354 एवं 354ए के अंतर्गत मामला दर्ज हुआ था और वह एक महीने तक जेल भी काटकर जमानत पर बाहर था तो वहीं सितम्बर में 8 वर्षीय बच्ची के बलात्कार का आरोपी क्रिस्टी राज के विषय में भी कहा जा रहा है कि उसे एक सप्ताह पहले ही एक और इसी प्रकार के अपराध में संलग्न पाया गया था।
पुलिस के अनुसार क्रिस्टी पर विभिन्न थानों में 14 आपराधिक मामले दर्ज हैं और उसे कोक्कू ने नाम से जाना जाता है और मोबाइल चुराने में उसे उस्ताद माना जाता है। जहाँ केरल में मंत्रियों के लिए अपने राज्य में बच्चियों की सुरक्षा महत्वपूर्ण मामला होना चाहिए था, वहीं वह लोग मणिपुर में राजनीतिक कारणों से अपनी रोटी सेंक रहे थे। और सोशल मीडिया पर थॉमस इस्साक, जो भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की सेन्ट्रल कमिटी के सदस्य हैं, की twitter (अब X) पर लोगों से उनसे यही प्रश्न पूछा था कि आप सेल्फ गोल क्यों कर रहे हैं क्योंकि आपके अपने राज्य की क़ानून व्यवस्था शर्मनाक है। अलुवा में 5 वर्ष की बच्ची की बलात्कार और हत्या के विषय में आप क्या कहेंगे?
किसी भी व्यक्ति के साथ कहीं पर भी कोई अपराध होता है वह स्वयं में राज्य एवं व्यवस्था के लिए लज्जाजनक बात होती है, परन्तु यह भी सत्य है कि भारत में मात्र उन्हीं अपराधों पर विमर्श होता है, शोर होता है जो भारतीय जनता पार्टी, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ एवं हिन्दू धर्म के विरुद्ध विमर्श बनाते हैं। जो घटनाएँ देश को एवं समाज को तोड़कर भारत तोड़ो विमर्श बनाने में सहायक होती हैं, उनके विषय में बहसें की जाती हैं, चर्चाएँ होती हैं परन्तु केरल में बच्चियों के साथ यौन शोषण की घटनाएं बढ़ रही हैं, उस पर विमर्श में चुप्पी हो जाती है! यह भयावह है।
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