नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने भारतीय सशस्त्र बलों की क्षमता बढ़ाने के लिए गुरुवार को लगभग 7,800 करोड़ रुपये मंजूर किये हैं। भारतीय वायु सेना की दक्षता बढ़ाने के लिए एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टरों पर इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (ईडब्ल्यू) सुइट की खरीद को स्वीकृति दी गई है। सेना के लिए 7.62×51 मिमी लाइट मशीन गन (एलएमजी) खरीदने के प्रस्ताव को भी आगे बढ़ाया गया है। भारतीय नौसेना के एमएच-60 आर हेलीकॉप्टर की परिचालन क्षमता को बढ़ाने के लिए हथियारों की खरीद होनी है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की बैठक में लगभग 7,800 करोड़ रुपये के पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों के लिए आवश्यकता की स्वीकृति (एओएन) दी गई। भारतीय वायु सेना की दक्षता बढ़ाने के लिए डीएसी ने भारतीय-आईडीडीएम श्रेणी के तहत एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टरों पर इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (ईडब्ल्यू) सुइट की खरीद और स्थापना के लिए एओएन प्रदान किया है, जिससे इन हेलीकॉप्टरों की क्षमता और बेहतर होगी। ईडब्ल्यू सुइट भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) से खरीदा जाएगा।
डीएसी ने मशीनीकृत पैदल सेना और बख्तरबंद रेजिमेंटों के लिए ग्राउंड-आधारित स्वायत्त प्रणाली की खरीद के लिए एओएन भी प्रदान किया है, जो मानवरहित निगरानी, गोला-बारूद, ईंधन और पुर्जों की रसद डिलीवरी और युद्ध क्षेत्र में हताहतों की निकासी जैसे विभिन्न कार्यों को सक्षम करेगा। इसके अलावा भारतीय नौसेना के एमएच-60 आर हेलीकॉप्टरों की परिचालन क्षमता को बढ़ाने के मकसद से डीएसी ने हथियारों की खरीद के लिए एओएन प्रदान किया है।
भारतीय सेना के लिए 7.62×51 मिमी लाइट मशीन गन (एलएमजी) और ब्रिज लेइंग टैंक (बीएलटी) की खरीद के प्रस्ताव को भी डीएसी ने आगे बढ़ा दिया है। सेना में एलएमजी के शामिल होने से पैदल सेना बलों की लड़ने की क्षमता बढ़ेगी और बीएलटी के शामिल होने से सशस्त्र बलों की आवाजाही में तेजी आएगी। ‘प्रोजेक्ट शक्ति’ के तहत भारतीय सेना के लिए मजबूत लैपटॉप और टैबलेट की खरीद के लिए भी मंजूरी दी गई है। ये सभी खरीद केवल स्वदेशी विक्रेताओं से की जाएंगी।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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