देश में अब पहचान छिपाकर किसी महिला से यौन संबंध बनाने को अपराध की श्रेणी में लाया गया है। केंद्र सरकार की ओर से लोकसभा में प्रस्तावित कानूनों में से एक में पहचान छिपाकर शादी करने या फिर यौन संबंध बनाने पर दोषी को 10 साल की सजा का प्रावधान है। इसे लव जिहाद के खिलाफ केंद्र सरकार का बड़ा कदम माना जा रहा है।
हालांकि देश के कई राज्यों में लव जिहाद और जबरन कन्वर्जन के खिलाफ कानून लागू हैं। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में लव जिहाद और जबरन कन्वर्जन कराने वाले के खिलाफ कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान है। महाराष्ट्र में सरकार यह कानून लाने की तैयारी कर रही है। आइए जानते हैं कुछ ऐसे राज्यों के बारे में जहां, लव जिहाद और जबरन कन्वर्जन के खिलाफ कानून लागू हैं।
उत्तर प्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ कानून
उत्तर प्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ कानून लागू है। यहां बलपूर्वक, झूठ बोलकर, लालच देकर या अन्य किसी कपटपूर्ण तरीके से अथवा विवाह के लिए कन्वर्जन कराना गैर जमानती अपराध है। इसके लिए दोषी को कम से कम 1 साल और अधिकतम 5 साल की सजा है। साथ ही न्यूनतम 15,000 रुपए का जुर्माना भी भरना होगा। अगर मामला नाबालिग किशोरी, अनूसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति की महिला के संबंध में हुआ तो दोषी को 3 साल से 10 साल तक कारावास की सजा और न्यूनतम 25,000 रुपये जुर्माना है।
मध्यप्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ कानून
मध्यप्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ कानून ‘मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक-2021 है। कानून के अनुसार जबरन, भयपूर्वक, डरा-धमका कर, प्रलोभन देकर, बहला-फुसलाकर कन्वर्जन कराकर विवाह करने और करवाने वाले व्यक्ति, संस्था अथवा स्वयंसेवी संस्था के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत दोषी को पांच साल से 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। इस कानून का उल्लंघन करने वाली किसी भी शादी को शून्य माना जाएगा।
उत्तराखंड में लव जिहाद के खिलाफ कानून
उत्तराखंड में भी लव जिहाद में फंसाकर जबरन कन्वर्जन कराने के खिलाफ सख्त कानून लागू है। उत्तराखंड में साल 2018 में जबरन कन्वर्जन को रोकने के लिए एक कानून लाया गया था, जिसके तहत दोषी को एक से 1 से 5 साल की कैद और एससी-एसटी के मामले में 2 से 7 साल की कैद की सजा का प्रावधान था। साल 2022 में पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने इस कानून को और सख्त कर दिया है। इस इसके दोषी को 10 साल की सजा और 50 हजार रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। इसे गैर जमानती अपराध घोषित किया गया है।
हिमाचल प्रदेश में कन्वर्जन के खिलाफ कानून
हिमाचल प्रदेश में भी कन्वर्जन के खिलाफ कानून 2019 से लागू है। यहां दोषी को 1 से 5 साल तक की कैद का सजा का प्रावधान है। अगर पीड़िता एससी-एसटी है तो ऐसी स्थिति में दोषी को 2 से 7 साल तक की कैद हो सकती है। जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है। इसे संज्ञेय अपराध और गैर-जमानतीय अपराध की कैटेगरी में रखा गया है, जिसके तहत पुलिस बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती है।
गुजरात में कन्वर्जन के खिलाफ कानून
गुजरात में भी जबरन कन्वर्जन रोकने के मकसद से 2003 से कानून है। इसमें अप्रैल 2021 में संशोधन किया गया था। इस कानून को गुजरात फ्रीडम ऑफ रिलीजन (अमेंडमेंट) एक्ट 2021 को नाम दिया गया है। इसके तहत किसी दूसरे समुदाय की लड़की को बहला-फुसलाकर, धोखा देकर या लालच देकर शादी करने के बाद उसका कन्वर्जन करवाने पर 5 साल की कैद और 2 लाख रुपये तक के जुर्माने की सजा का प्रावधान है। वहीं, अगर लड़की नाबालिग है तो 7 साल की कैद और 3 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है।
अरुणाचल प्रदेश में जबरन कन्वर्जन कराने पर 2 साल तक की कैद और 10 हजार रुपये तक के जुर्माने की सजा है। ऐसे ही ओडिशा में जबरन कन्वर्जन पर एक साल की कैद और 5 हजार रुपये का जुर्माने है।
महाराष्ट्र में भी है तैयारी
महाराष्ट्र में भी लव जिहाद और कन्वर्जन के खिलाफ कानून लाने की तैयारी चल रही है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में कहा था कि लव जिहाद पर पाबंदी लगाने के लिए राज्य सरकार एक कानून लाने का विचार कर रही है। हालांकि सरकार कोई फैसला लेने से पहले अन्य राज्यों के इसी तरह के कानूनों का अध्ययन करेगी।
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