नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने भीमा कोरेगांव मामले में पांच साल से जेल में बंद वर्नोन गोंजाल्विस और अरुण फरेरा को जमानत दे दी है। जस्टिस अनिरुद्ध बोस की अध्यक्षता वाली बेंच ने दोनों को जमानत देने का आदेश दिया। कोर्ट ने जमानत याचिका पर 3 मार्च को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील रेबेका जॉन ने कहा कि दोनों आरोपी 2018 से न्यायिक हिरासत में हैं। इससे पहले इन्हें नजरबंद रखा गया था। 4 साल 4 महीने से न्यायिक हिरासत में होने के बावजूद ट्रायल कोर्ट की रिपोर्ट के अनुसार अभी ट्रायल में एक साल और लगेगा। जॉन ने कहा कि चार्जशीट के अनुसार पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें से सिर्फ एक का नाम एफआईआर में है। कोर्ट ने पूछा कि क्या मामले में आरोप तय हो गए हैं, तब रेबेका जॉन ने कहा कि अभी तक आरोप तय नहीं हुए हैं।
भीमा-कोरेगांव की बरसी पर हुए कार्यक्रम में 1 जनवरी 2018 को हिंसा हुई थी। उसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हुए थे। इस मामले में पुलिस ने 162 लोगों के खिलाफ 58 केस दर्ज किए हैं।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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