हम देख सकते हैं कि 5जी संचार प्रौद्योगिकी, ड्रोन प्रौद्योगिकी, रोबोटिक्स, उत्पादन इकाइयों का स्वचालन, इंटरनेट आफ थिंग्स और कंट्रोल-पॉवर सिस्टम जैसी प्रौद्योगिकियों ने हाल के दिनों में रोजगार के लाखों अवसरों का सर्जन करते हुए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को नई ऊंचाई तक पहुंचाने में मदद की है। कोई छात्र जब इस क्षेत्र में अपना करिअर बनाने का फैसला करता है, तो वह साथ ही साथ कंप्यूटर विज्ञान, सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग जैसे संबद्ध क्षेत्रों में भी संभावनाएं पैदा करता है।
इंजीनियरिंग की सही शाखा चुनने के महत्वपूर्ण कारकों में भविष्य में नौकरी के व्यापक अवसरों और विकल्पों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग का चयन निस्संदेह भावी स्नातकों को इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण तथा सिस्टम डिजाइन करने, उन्हें विकसित करने और उनके अनुप्रयोग के क्षेत्रों में सेवा अवसरों की एक विस्तृत शृंखला की ओर ले जाता है।
हम देख सकते हैं कि 5जी संचार प्रौद्योगिकी, ड्रोन प्रौद्योगिकी, रोबोटिक्स, उत्पादन इकाइयों का स्वचालन, इंटरनेट आफ थिंग्स और कंट्रोल-पॉवर सिस्टम जैसी प्रौद्योगिकियों ने हाल के दिनों में रोजगार के लाखों अवसरों का सर्जन करते हुए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को नई ऊंचाई तक पहुंचाने में मदद की है। कोई छात्र जब इस क्षेत्र में अपना करिअर बनाने का फैसला करता है, तो वह साथ ही साथ कंप्यूटर विज्ञान, सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग जैसे संबद्ध क्षेत्रों में भी संभावनाएं पैदा करता है।
जैसे-जैसे प्रौद्योगिकी आगे बढ़ते हुए आगे के वर्षों में नई ऊंचाइयों तक पहुंचेगी, प्रत्येक उद्योग को सक्षम इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरों की सेवाओं की आवश्यकता होगी। सेमीकंडक्टर उद्योग का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रमुख समूह सेमीकंडक्टर इक्विपमेंट एंड मैटेरियल्स इंटरनेशनल (एसईएमआई) के प्रमुख अजीत मनोचा का कहना है कि केवल डेढ़ साल पहले भारत इस क्षेत्र में ‘शून्य’ पर था, लेकिन 2024 तक यहां सेमीकंडक्टर डिजाइन के 100 स्टार्टअप होंगे। इसके अलावा, सेमीकंडक्टर चिप्स बनाने के लिए सरकार 76,000 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन योजना दे रही है जिससे भारतीय सेमीकंडक्टर उद्योग बड़ी छलांग लगाते हुए काफी बड़ी संख्या में प्रतिभाओं को अवसर प्रदान कर सकेगा।
आकर्षक पद
- इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर
- फील्ड टेस्ट इंजीनियर
- नेटवर्क प्लानिंग इंजीनियर
- इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार सलाहकार
- ग्राहक सहायता इंजीनियर
- इलेक्ट्रॉनिक्स तकनीशियन
- एसोसिएट फर्स्टलाइन तकनीशियन
- अनुसंधान और विकास सॉफ्टवेयर इंजीनियर
- सर्विस इंजीनियर
- वरिष्ठ विक्रय प्रबंधक
- तकनीकी निदेशक
इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में शीर्ष पांच करिअर विकल्प
दूरसंचार इंजीनियर
आज भारत की हर टेलीकॉम कंपनी तेज इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने के लिए बेहतर 5जी कवरेज उपलब्ध कराने की प्रतिस्पर्धा में लगी है। ये कंपनियां देश के कोने-कोने में जितने अधिक टावर लगाती हैं, उन्हें उतने ही अधिक टेलीकॉम इंजीनियरों की आवश्यकता होती है। स्मार्ट मोबाइल फोन पर हाई-स्पीड इंटरनेट का उपयोग बढ़ता रहेगा जिससे निर्बाध कनेक्टिविटी की मांग भी बढ़ती रहेगी। ऐसे में टेलीकॉम एक ऐसा क्षेत्र है जहां शायद ही कभी नौकरियों की कमी होगी। किसी भी अच्छे प्रौद्योगिकी संस्थान से बी.टेक. की डिग्री छात्रों को इन अवसरों के लिए पूरी तरह से तैयार करती है।
ड्रोन इंजीनियर
उम्मीद की जा सकती है कि ड्रोन प्रौद्योगिकी और रोबोटिक्स का भविष्य रोमांचक प्रगति और अनुप्रयोगों से भरा होगा। लगातार पर्यवेक्षण के बिना स्वविवेक से वितरण, निगरानी और निरीक्षण अथवा अन्य जटिल कार्यों को करने में सक्षम कृत्रिम बुद्धि संचालित ड्रोन का विकास जैसी अनेक संभावनाएं इसी क्षेत्र से जुड़ी हैं।
रोबोटिक्स इंजीनियर
भविष्य के रोबोट में बेहतर सेंसर और समझ वाली प्रणालियां होंगी जिनसे वे मनुष्यों के साथ अधिक सुरक्षित और प्रभावी ढंग से बातचीत करने में समर्थ होंगे। ऐसे रोबोट दूरस्थ रोगियों की निगरानी, शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं, सटीक खेती, फसल निगरानी और स्वचालित छिड़काव जैसे कार्यों में सहायता कर सकेंगे। इसके अलावा भी उनके विकास से जुड़ी अनेक संभावनाएं पैदा होंगी। इसीलिए, आने वाले समय में इस क्षेत्र में युवाओं के लिए काफी संभावनाएं हैं।
शीर्ष संस्थान
- बेंगलुरु प्रौद्योगिकी संस्थान, बेंगलुरु
- भारतीय ड्रोन संस्थान
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास
- एमिटी विश्वविद्यालय
पावर सिस्टम इंजीनियर
पारेषण (ट्रांसमिशन) दक्षता भविष्य के स्मार्ट शहरों की मूलभूत आवश्यकता होगी और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर इसे बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। इन संभावनाओं के दृष्टिगत इस क्षेत्र की उन्नति के लिए पावर सिस्टम इंजीनियरों के लिए ढेरों अवसर होंगे।
सेमीकंडक्टर इंजीनियर
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, 5जी, इंटरनेट आफ थिंग्स और स्वविवेकी वाहनों जैसी तकनीकी प्रगति के कारण सेमीकंडक्टर चिप्स की मांग में वृद्धि जारी है। यह मांग सेमीकंडक्टर निर्माण के क्षेत्र में पेशेवरों के लिए एक मजबूत रोजगार बाजार तैयार करती है। इस संभावनाशील उद्योग के रुझानों और अवसरों पर नजर रख कर अपेक्षित कौशल के विकास से युवा इस क्षेत्र में करिअर की संभावनाएं रेखांकित कर सकते हैं।
लेखक-एसोसिएट प्रोफेसर (भौतिकी)
एनएमआईएमएस, इंदौर
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