राज्य का स्वतंत्र अंग थी नौसेना
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

राज्य का स्वतंत्र अंग थी नौसेना

शिवाजी के समय में नौसेना को राज्य का एक स्वतंत्र अंग माना गया था। भारत के इतिहास में नौसेना संबंधी इतना प्रभावी कार्य कभी नहीं हुआ था। उन्होंने नौसेना के गठन के साथ जलदुर्गोें का भी निर्माण करा गया

by ना.ग. वझे
Jun 3, 2023, 05:35 am IST
in भारत, महाराष्ट्र
छत्रपति शिवाजी महाराज

छत्रपति शिवाजी महाराज

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

शिवाजी हमारे देश के ऐसे महापुरुष थे, जिन पर प्रत्येक भारतीय को गर्व है। उनके व्यक्तित्व में मानवता तो कूट-कूट कर भरी ही हुई थी, उनका राजनीतिक चातुर्य, रण-कौशल और साहस भी देखने योग्य था। उन्होंने विधर्मी शासक के विरुद्ध अस्थायी और खोखला नहीं, बल्कि सशक्त सैन्य संगठन खड़ा किया। उस समय काशी विद्यापीठ के महान आचार्य वेदोनारायण विश्वेश्वर उपाख्य गंगाभट्ट ने, शिवाजी के गुणों को निकट से देखा। अपनी ‘शिव प्रशस्ति’ में उन्होंने शिवाजी को ‘य: क्षात्रधर्मस्य नवावतार:’ कहा है। शिवाजी के गुरु और मार्गदर्शक समर्थ गुरु रामदास की दृष्टि में भी वे ‘श्रीमत योगी’ अर्थात् राजयोगी थे।

सामयिक दृष्टि
शिवाजी की राजनीतिक सूझ-बूझ और सैन्य क्षमता ने उन्हें एक शक्तिशाली जहाजी बेड़ा तैयार करने का श्रेय प्रदान किया। उन्होंने अपने देश के समुद्र तटों तथा उनकी रक्षा के लिए नौसेना के महत्व को उन्होंने समझा। वे एकमात्र ऐसे सेनापति थे जिन्होंने अंग्रेज, डच, फ्रेंच आदि सत्ताओं से स्वराज्य के लिए खतरा अनुभव किया। परिणामस्वरूप, उन्होंने एक शक्तिशाली जहाजी बेड़े के निर्माण का संकल्प लिया और 20 वर्ष के कठिन परिश्रम के बाद उनका यह संकल्प मूर्त हुआ। अपने कोंकण अभियान द्वारा उन्होंने यूरोपीय एवं सिद्दी समुद्री व्यापारियों पर अपनी धाक जमाई। म्लेच्छ शासक आदिलशाह के अधीनस्थ कारवार और मंगरूल जिले के ही शिवेश्वर, सदाशिवगढ़, कडवा (कारवार), अंकोले, गोकर्ण, कुमठे, होन्नावर तथा बसरूर तक उन्होंने अपनी विजय पताका फहराई

‘नौसेना एक स्वतंत्र राज्यांग ही है। जिसके पास शक्तिशाली नौसेना, उसी का सागर।’ अंग्रेजों को, जिन्हें अपनी नाविक शक्ति पर बड़ा गर्व था, भारत के समुद्री युद्ध में सबसे पहले शिवाजी से ही पराजित होना पड़ा। यह शिवाजी की नौसेना की ही उपलब्धि थी कि सभी तरह के बाहरी समुद्री व्यापारियों पर नियंत्रण संभव हो सका। शायद अपनी नौसैन्य दृष्टि के कारण ही शिवाजी ने रायगढ़ को अपनी राजधानी बनाया, जहां से समुद्रतट मात्र 30 मील की दूरी पर था। 

अंग्रेजों की लाचारी
मुंबई के पास स्थित खांदेरी-उंदेरी नामक द्वीपों के कारण उनका अंग्रेजों से सामना हुआ। अंग्रेजों ने भरसक कोशिश की कि इन द्वीपों पर शिवाजी का अधिकार न हो, लेकिन उनकी सक्षम नौसेना के सामने उनकी एक न चल सकी। शिवाजी ने, विशेषकर मुंबई के निकट स्थित खांदेरी द्वीप के लिए अंग्रेजों से कड़ा मुकाबला किया, अंतत: जीत उन्हें ही मिली। इन द्वीपों की रक्षा के लिए उन्होंने जलदुर्गों का निर्माण करवाया।

ये जलदुर्ग महाराष्ट्र के समुद्र तट की रक्षा में बड़े उपयोगी सिद्ध हुए। उनके जलदुर्गों में सिंधु दुर्ग, विजय दुर्ग, अलीबाग और पद्म दुर्ग प्रमुख हैं। जलदुर्गों के निर्माण के स्थानों के चयन में भी उनकी सूक्ष्म और दूरदृष्टि प्रशंसा के योग्य है। जलदुर्गों के द्वारा उन्होंने विदेशियों के लिए खुले समुद्री मार्गों पर रोक लगायी। भारत के इतिहास में नौसेना संबंधी इतना प्रभावी कार्य कभी नहीं हुआ था। मालवण के कुरटे नामक द्वीप पर पानी में बनाये गये सिंधु दुर्ग का महत्व तो इतना अधिक है कि बखरकार (मराठी इतिहासकार) ने उसे ‘टोपी वालों के सीने पर प्रत्यक्ष शि लंका’ कहा है।

नौसेना की सार्थकता
शिवाजी के समय नौसेना को राज्य का एक स्वतंत्र अंग माना गया था। इस संबंध में रामचंद्र पंत अमात्य के अनुसार – ‘नौसेना एक स्वतंत्र राज्यांग ही है। जिसके पास शक्तिशाली नौसेना, उसी का सागर।’ अंग्रेजों को, जिन्हें अपनी नाविक शक्ति पर बड़ा गर्व था, भारत के समुद्री युद्ध में सबसे पहले शिवाजी से ही पराजित होना पड़ा। यह शिवाजी की नौसेना की ही उपलब्धि थी कि सभी तरह के बाहरी समुद्री व्यापारियों पर नियंत्रण संभव हो सका। शायद अपनी नौसैन्य दृष्टि के कारण ही शिवाजी ने रायगढ़ को अपनी राजधानी बनाया, जहां से समुद्रतट मात्र 30 मील की दूरी पर था।

सिद्धोजी गुर्जर

1693 में छत्रपति शिवाजी महाराज के वीर योद्धा सिद्धोजी गुर्जर, सरखेल (नौसेना अध्यक्ष) ने सुवर्णदुर्ग और विजयदुर्ग के नौसैनिक किलों पर कब्जा किया। भारतीय नौसेना को सशक्त बनाने में सिद्धोजी गुर्जर का प्रमुख योगदान रहा है। सिद्धोजी गुर्जर ने पुणे के सिंहगढ़ किले की भी रक्षा की थी, जहां मुगलों से लड़ कर आ रहे संताजी घोरपड़े को उन्होंने आराम करने का स्थान दिया।

 

Topics: Shivaji's authority on the islandsआचार्य वेदोनारायण विश्वेश्वर उपाख्यJaldurgगंगाभट्टthe sea coast of Maharashtraनौसेनाअंग्रेजों की लाचारीसिद्धोजी गुर्जरnavyद्वीपों पर शिवाजी का अधिकारशिवाजी हमारे देश के ऐसे महापुरुषछत्रपति शिवाजी महाराजजलदुर्ग महाराष्ट्र के समुद्र तटKashi Vidyapeethpolitical tactशिवाजीbattle-skillsShivajiAcharya Vedonarayan Vishweshwar Upakhyaराजनीतिक चातुर्यGangabhattरण-कौशलhelplessness of the Britishकाशी विद्यापीठ
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Language dispute

भाषायी विवादों के पीछे विभाजनकारी षड्यंत्र

छत्रपति शिवाजी महाराज

छत्रपति शिवाजी महाराज: आधुनिक भारत के सच्चे निर्माता

छत्रपति शिवाजी महाराज

धर्म, स्वराज्य और सांस्कृतिक पुनर्जागरण के प्रतीक: शिवाजी महाराज

छत्रपति शिवाजी महाराज

शिवाजी का राज्याभिषेक: हिंदवी स्वराज्य की वैधता का ऐतिहासिक उद्घोष

छत्रपति शिवाजी महाराज

शिवाजी और मराठा साम्राज्य: एक वीर योद्धा, कुशल प्रशासक और भारतीय स्वाभिमान के प्रतीक

छत्रपति शिवाजी महाराज

भारतीय इतिहास में शिवाजी का स्थान क्यों है अद्वितीय?

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

“एक आंदोलन जो छात्र नहीं, राष्ट्र निर्माण करता है”

‘उदयपुर फाइल्स’ पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इंकार, हाईकोर्ट ने दिया ‘स्पेशल स्क्रीनिंग’ का आदेश

उत्तराखंड में बुजुर्गों को मिलेगा न्याय और सम्मान, सीएम धामी ने सभी DM को कहा- ‘तुरंत करें समस्याओं का समाधान’

दलाई लामा की उत्तराधिकार योजना और इसका भारत पर प्रभाव

उत्तराखंड : सील पड़े स्लाटर हाउस को खोलने के लिए प्रशासन पर दबाव

पंजाब में ISI-रिंदा की आतंकी साजिश नाकाम, बॉर्डर से दो AK-47 राइफलें व ग्रेनेड बरामद

बस्तर में पहली बार इतनी संख्या में लोगों ने घर वापसी की है।

जानिए क्यों है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गुरु ‘भगवा ध्वज’

बच्चों में अस्थमा बढ़ा सकते हैं ऊनी कंबल, अध्ययन में खुलासा

हमले में मारी गई एक युवती के शव को लगभग नग्न करके गाड़ी में पीछे डालकर गाजा में जिस प्रकार प्रदर्शित किया जा रहा था और जिस प्रकार वहां के इस्लामवादी उस शव पर थूक रहे थे, उसने दुनिया को जिहादियों की पाशविकता की एक झलक मात्र दिखाई थी  (File Photo)

‘7 अक्तूबर को इस्राएली महिलाओं के शवों तक से बलात्कार किया इस्लामी हमासियों ने’, ‘द टाइम्स’ की हैरान करने वाली रिपोर्ट

राजस्थान में भारतीय वायुसेना का Jaguar फाइटर प्लेन क्रैश

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies