दिल्ली विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद ने 26 मई को अपने पाठ्यक्रम में कई बदलाव किए हैं। बताया जा रहा है कि डीयू कवि मोहम्मद इकबाल को राजनीति विज्ञान के पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है। इसके अलावा अकादमिक परिषद ने विभाजन, हिंदू और जनजातीय अध्ययन कराने के लिए नए केंद्र स्थापित करने के प्रस्तावों को भी मंजूरी दी है।
‘सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तान हमारा’ जैसे प्रसिद्ध गीत लिखने वाले कवि इकबाल को पाकिस्तान बनाने की मंशा रखने वालों के तौर पर भी जाना जाता है। अब डीयू के सिलेबस में मोहम्मद इकबाल को हटा दिया गया है। अभी तक इकबाल को बीए के राजनीति विज्ञान के मॉडर्न इंडियन पॉलिटिकल थॉट में पढ़ाया जा रहा था। बताया जा रहा है कि अकादमिक परिषद के इन प्रस्तावों पर आखिरी मुहर दिल्ली यूनिवर्सिटी की एग्जीक्यूटिव काउंसिल को लगानी है, जिसकी बैठक 9 जून को होगी।
इधर एबीवीपी ने इस फैसले का स्वागत किया है। एबीवीपी का कहना है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी की अकादमिक परिषद का कट्टर मजहबी विद्वान को सिलेबस से हटाना सही फैसला है। इकबाल को पाकिस्तान का दार्शनिक पिता कहा जाता है। मोहम्मद अली जिन्ना को मुस्लिम लीग में एक नेता के तौर पर स्थापित करने में उनकी अहम भूमिका थी।
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