डीआरडीओ लैब के निदेशक डॉ. प्रदीप कुरुलकर के बाद अब भारतीय वायु सेना के एक अधिकारी का नाम भी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों के लिए जासूसी करने में सामने आया है। डीआरडीओ वैज्ञानिक फिलहाल मुंबई एटीएस की हिरासत में हैं और उनसे पूछताछ के आधार पर बेंगलुरु में तैनात वायु सेना अधिकारी के बारे में खुलासा हुआ है। वायु सेना के अधिकारियों ने भी उनसे गहन पूछताछ की है। एटीएस के बाद शिवाजीनगर कोर्ट में प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के सामने वायु सेना अधिकारी का बयान दर्ज किया गया है।
महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) की जांच में पता चला है कि हनी ट्रैप के जरिये फंसाए गए डीआरडीओ वैज्ञानिक डॉ. प्रदीप कुरुलकर और वायु सेना अधिकारी निखिल शेंडे से संवेदनशील जानकारी हासिल करने के लिए ‘ज़ारा दासगुप्ता’ नाम के फर्जी खाते से संपर्क किया गया था। एटीएस ने मुंबई की विशेष अदालत में खुलासा किया है कि पाकिस्तानी खुफिया विभाग ने कुरूलकर के अलावा वायु सेना अधिकारी निखिल शेंडे को इसी तरह के हनी ट्रैप में निशाना बनाया गया है। बेंगलुरु में तैनात शेंडे से वायुसेना के अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं। उन्होंने एटीएस को अपना बयान भी दिया है, जिसे शिवाजीनगर कोर्ट में प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज किया गया है।
एटीएस की वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सुजाता तनवाडे ने विशेष अदालत को बताया कि हालांकि, वायु सेना अधिकारी निखिल शेंडे को मामले में आरोपी के रूप में नहीं फंसाया गया है, लेकिन तकनीकी जांच से पता चला है कि कुरूलकर और शेंडे को पाकिस्तानी आईपी पते से सन्देश भेजे गए थे। जांच में पाकिस्तान से कुरूलकर को भेजे गए कई ई-मेल का पता लगा है, जिससे उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने वाली संवेदनशील जानकारी साझा किये जाने की आशंका है। डीआरडीओ वैज्ञानिक के पास से जब्त लैपटॉप और मोबाइल फोन का तकनीकी विश्लेषण किया गया है।
पुणे में डीआरडीओ की एक प्रयोगशाला के निदेशक वैज्ञानिक को तीन मई को गिरफ्तार किया गया था। कुरुलकर ने एटीएस को बताया कि पिछले साल अक्टूबर में उसके वॉट्सऐप पर एक मैसेज आया। मैसेज में उसे गलत नाम से संबोधित किया गया। इस पर कुरुलकर ने जवाबी वॉट्सऐप किया कि मैं वह नहीं, बल्कि प्रदीप कुरुलकर हूं। इसके बाद दोनों के बीच वाट्सएप चैटिंग शुरू हो गई। कुरुलकर ने बताया कि वॉट्सऐप चैट करने वाली महिला ने खुद को लंदन में रहने वाली भारतीय बताया और पाकिस्तान के खिलाफ नफरत व्यक्त की। दोनों के बीच फरवरी, 2023 तक चैट होती रही।
कुरुलकर के साथ चैट करने के लिए जिस नंबर का इस्तेमाल किया गया था, उसका पाकिस्तानी आईपी होने से खुफिया अधिकारयों ने डीआरडीओ को सतर्क किया और एटीएस को शिकायत करने से पहले डीआरडीओ की सतर्कता टीम ने जांच की। वैज्ञानिक कुरुलकर ने हनीट्रैप में फंसकर पाकिस्तानी खुफिया ऑपरेटिव के साथ जानकारियां साझा की थी। जांच में यह भी पता चला कि वैज्ञानिक ने अपनी कुछ निजी तस्वीरें साझा करने के अलावा एक मिसाइल की फोटो और कुछ स्थानीय पता का विवरण भी साझा किया था।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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