नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात में 68 न्यायिक अधिकारियों के प्रमोशन पर रोक लगाई। जस्टिस एमआर शाह की अध्यक्षता वाली बेंच ने निर्देश दिया कि अंतिम आदेश लंबित होने तक इन न्यायिक अधिकारियों को उनके मूल पद पर वापस भेजा जाए। इन 68 न्यायिक अधिकारियों में वो जज हरीश हंसमुख भाई वर्मा भी शामिल हैं, जिन्होंने मानहानि केस में राहुल गांधी को दोषी ठहराया था।
दरअसल, 65 फीसदी कोटा नियम के आधार पर इन 68 जजों को पदोन्नति दी गई है। पदोन्नति के इस फैसले को सीनियर सिविल जज कैडर के दो न्यायिक अधिकारियों रविकुमार मेहता और सचिन प्रतापराय मेहता ने चुनौती दी है। याचिका में 10 मार्च को गुजरात हाई कोर्ट द्वारा जारी की गई सूची और राज्य सरकार द्वारा उनकी नियुक्ति की अधिसूचना को रद्द करने का निर्देश देने की मांग की है। याचिका में गुजरात हाई कोर्ट को नियुक्ति के लिए योग्यता और वरिष्ठता के आधार पर नई सूची जारी करने का निर्देश देने की मांग भी गई है।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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