यूपी : तीन साल में तीस हजार मामलों में अपराधियों को मिली गुनाहों की सजा
May 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत उत्तर प्रदेश

यूपी : तीन साल में तीस हजार मामलों में अपराधियों को मिली गुनाहों की सजा

उत्तर प्रदेश को अभियोजन निदेशालय की ओर से रिकॉर्ड स्तर पर अपराधियों को उनके किये की सजा दिलाने के लिए कई अवार्ड भी मिल चुके हैं।

by सुनील राय
May 11, 2023, 06:47 pm IST
in उत्तर प्रदेश
प्रतीकात्मक चित्र

प्रतीकात्मक चित्र

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

योगी सरकार प्रदेश में जीरो टॉलरेंस नीति के तहत अपराध और अपराधियों की कमर तोड़ रही है। यूपी पुलिस जहां एक तरफ सीधा मुकाबला करते हुए अब तक 184 बदमाशों को ढेर कर चुकी है, वहीं एक बहुत बड़ी संख्या ऐसे अपराधियों की भी है, जिन्हें न्यायालय में पुलिस की प्रभावी पैरवी से बेदम कर दिया गया है। यूपी पुलिस का अभियोजन निदेशालय इसमें अहम रोल अदा कर रहा है। पिछली सरकारों में जहां अभियोजन निदेशालय हाशिये पर रहता था, वहीं योगी सरकार ने इसे खास तरजीह दी है। इसी का नतीजा है कि प्रदेश के विभिन्न न्यायालयों में अभियोजन निदेशालय की प्रभावी पैरवी से पिछले तीन साल के अंदर तकरीबन 30 हजार मामलों में अपराधियों को उनके गुनाहों की सजा मिल चुकी है।

अभियोजन निदेशालय के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2020 से 2022 तक पॉक्सो एक्ट में 4078, रेप के केस में 1218, क्राइम अगेंस्ट वूमेन एंड चिल्ड्रेन केस में 8646, हत्या के केस में 2387, दहेज हत्या के केस में 1152, लूट के केस में 1141, गोवंश हत्या के केस में 279 और आर्म्स एक्ट के केस में 10520 मामलों में सजा दिलायी गई है। अभियोजन निदेशालय की ओर से रिकॉर्ड स्तर पर अपराधियों को उनके किये की सजा दिलाने के लिए कई अवार्ड भी मिल चुके हैं।

अभियोजन निदेशालय के एडीजी आशुतोष पांडेय ने बताया कि पिछले तीन साल में कोर्ट में प्रभावी पैरवी और शत-प्रतिशत गवाहों की गवाही कराकर अपराधियों को सजा दिलाने में शानदार प्रदर्शन किया है। निदेशालय ने कोर्ट में प्रभावी पैरवी के जरिये वर्ष 2020 में पॉक्सो के तहत जहां 535 मामलों में सजा दिलायी, वहीं वर्ष 2022 में 2313 मामलों में सजा दिलायी गई, जिसका रेशियो वर्ष 2020 के मुकाबले वर्ष 2022 में 332 प्रतिशत अधिक रहा। इसी तरह रेप के मामले में वर्ष 2020 में 177 मामलों में सजा दिलाई गई, तो वहीं वर्ष 2022 में 671 मामलों में सजा दिलाई गई, जिसका रेशियो वर्ष 2020 के मुकाबले 2022 में 280 प्रतिशत अधिक रहा है। इसी प्रकार क्राइम अगेंस्ट वूमेन एंड चिल्ड्रेन के मामलों में वर्ष 2020 में 1048 मामलों में सजा दिलाई गई जबकि वर्ष 2022 में 5351 मामलों में सजा दिलायी गई, जिसका रेशियो वर्ष 2020 के मुकाबले वर्ष 2022 में 411 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। हत्या के केस में वर्ष 2020 में 420 मामलों जबकि 2022 में 1180 मामलों में सजा दिलायी गई, जिसका रेशियो वर्ष 2020 के मुकाबले वर्ष 2022 में अपराधियों को सजा दिलाने में 181 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

अभियोजन निदेशालय ने दहेज हत्या के केस में वर्ष 2020 में 182 मामलों जबकि वर्ष 2022 में 572 मामलों में सजा दिलायी। इसी तरह लूट के केस में वर्ष 2020 में 177 मामलों जबकि वर्ष 2022 में 745 मामलों में सजा दिलायी गई, जिसका रेशियो वर्ष 2020 के मुकाबले वर्ष 2022 में 321 प्रतिशत अधिक रहा। वहीं गोवंश के मामले में जहां वर्ष 2020 में 29 मामलों तो वर्ष 2022 में 200 मामलों में सजा दिलायी गई। पिछले तीन वर्ष में सबसे अधिक आर्म्स एक्ट के मामलों में सजा दिलायी गई। आर्म्स एक्ट के मामले में वर्ष 2020 में 1960 मामलों जबकि वर्ष 2022 में 6373 मामलों में सजा दिलायी गई, जिसका रेशियो वर्ष 2020 के मुकाबले वर्ष 2022 में 225 प्रतिशत अधिक रहा।

अभियोजन निदेशालय को पूरे देश में कम समय में अपराधियों को सजा दिलाने, ई ऑफिस और ई प्रॉसीक्यूशन पोर्टल पर देश में अच्छा प्रदर्शन करने पर अवार्ड, प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया है। अभियोजन निदेशालय के एडीजी आशुतोष पांडेय ने बताया कि वर्ष 2021 में भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने आईसीजेएस सिस्टम के तहत नेशनल क्राइम रिपोर्ट ब्यूरो की ओर से देश में उत्तर प्रदेश को अभियोजन कार्य के लिए अवार्ड दिया था। यह अवार्ड वर्ष 2022 में भी उत्तर प्रदेश के अभियोजन निदेशालय को दिया गया। इसी तरह ई प्रॉसीक्यूशन के लिए वर्ष 2022 में स्कॉच अवार्ड से सम्मानित किया गया।

Topics: उत्तर प्रदेश समाचारUttar Pradesh Newsयूपी में अपराधियों को सजायूपी में तीन साल में अपराधियों को सजाPunishment of criminals in UPPunishment of criminals in UP in three years
Share1TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

प्रतीकात्मक तस्वीर

वाराणसी गैंगरेप केस में बड़ा मोड़, एसआईटी करेगी जांच, 30 दिन में सौंपेगी रिपोर्ट

भू माफिया बन गया वक्फ बोर्ड, यूपी में माफियागीरी नहीं चलेगी : योगी आदित्यनाथ

अयोध्या में विराजे रामलला

रामनवमी पर अयोध्या में बड़ी तैयारी, श्रद्धालुओं के लिए विशेष इंतजाम

प्रतीकात्मक तस्वीर

मुजफ्फरनगर: महिला को दिया तीन तलाक, हलाला कराकर किया निकाह फिर से दिया गया तीन तलाक, पुलिस कर रही है जांच

ॐ का टैटू जलाया, जबरन बीफ खिलाया : 14 साल की हिन्दू बच्ची से 2 माह तक हैवानियत, सलमान, जुबैर, राशिद और आरिफ पर आरोप

प्रतीकात्मक तस्वीर

गोवंश का वध करने वाले रियासत और इशरत गिरफ्तार

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

बौद्ध दर्शन

बौद्ध दर्शन: उत्पत्ति, सिद्धांत, विस्तार और विभाजन की कहानी

Free baloch movement

बलूचों ने भारत के प्रति दिखाई एकजुटता, कहा- आपके साथ 60 मिलियन बलूच लोगों का समर्थन

समाधान की राह दिखाती तथागत की विचार संजीवनी

प्रतीकात्मक तस्वीर

‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर भारतीय सेना पर टिप्पणी करना पड़ा भारी: चेन्नई की प्रोफेसर एस. लोरा सस्पेंड

British MP Adnan Hussain Blashphemy

यूके में मुस्लिम सांसद अदनान हुसैन को लेकर मचा है बवाल: बेअदबी के एकतरफा इस्तेमाल पर घिरे

पाकिस्तान के साथ युद्धविराम: भारत के लिए सैन्य और नैतिक जीत

Indian DRDO developing Brahmos NG

भारत का ब्रम्हास्त्र ‘Brahmos NG’ सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल अब नए अवतार में, पांच गुणा अधिक मारक क्षमता

Peaceful Enviornment after ceasfire between India Pakistan

भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर के बाद आज क्या हैं हालात, जानें ?

Virender Sehwag Pakistan ceasfire violation

‘कुत्ते की दुम टेढ़ी की टेढ़ी ही रहती है’, पाकिस्तान पर क्यों भड़के वीरेंद्र सहवाग?

Operation sindoor

Operation Sindoor: 4 दिन में ही घुटने पर आ गया पाकिस्तान, जबकि भारत ने तो अच्छे से शुरू भी नहीं किया

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies