अमेरिका सहित पूरी दुनिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी कृत्रिम बुद्धिमत्ता को लेकर शंकालू भी हो चले हैं और खतरों की आशंका ज्यादा जता रहे हैं, इसके लाभ के मुकाबले। हाल में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसी मुद्दे पर दुनिया के शीर्ष आईटी कंपनियों के सीईओ स्तर के अधिकारियों से बात की और भविष्य की चिंताओं पर मंथन किया।
वाशिंग्टन में व्हाइट हाउस में 4 मई को हुई इस महत्वपूर्ण चर्चा में माइक्रोसॉफ्ट तथा गूगल के साथ ही अन्य अनेक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनियों के सीईओ मौजूद थे। इस बैठक से एक साझा निष्कर्ष यह निकल कर आया है कि एआई के मामले में यह पक्का करना जरूरी है कि इन कंपनियों के उत्पाद बाजार में उतरने से पहले सुरक्षा के मानकों पर खरे उतरते हों।
इसमें संदेह नहीं है कि दुनियाभर ‘जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ को लेकर काफी बातें सुनने में आई हैं। इसमें एक एक चैटजीपीटी भी है, जो लोगों के आकर्षण का केन्द्र बना है। आईटी कंपनियां इस जैसे अन्य उत्पादों को बाजार में उतारने की दौड़ में शामिल हो रही हैं। कहा जा रहा है कि इससे लोगों के काम करने के तरीके में एक बड़ा बदलाव आएगा।
बैठक में शीर्ष सीईओ में गूगल के सुंदर पिचई, माइक्रोसॉफ्ट के सत्या नडेला, ओपनएआई के सैम ऑल्टमैन तथा आंथ्रोपिक के डारियो अमोदी के अलावा अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस तथा बाइडेन के चीफ ऑफ स्टाफ व प्रशासन के कुछ अन्य अधिकारी शामिल हुए थे।
माना यह भी जा रहा है कि दुनियाभर में एआई आधारित उपकरणों के परीक्षण होने शुरू हो चुके हैं। ये उपकरण इस तकनीक से डाक्टरी इलाज करने से लेकर कहानियां लिखने, कानूनी ब्योरे पेश करने तक के कितने ही काम कर सकते हैं। इसी वजह से अब यह चिंता भी बढ़ती जा रही है कि प्रौद्योगिकी गोपनीयता को लांघ सकती है, रोजगार के फैसलों में खलल डाल सकती है या किसी घोटाले आदि की गलत जानकारियां दे सकती है।
व्हाइट हाउस की मानें तो राष्ट्रपति बाइडेन चैटजीपीटी का इस्तेमाल कर चुके हैं। इससे जुड़े अधिकारियों का मानना है कि एआई के माध्यम से व्यक्तियों, समाज तथा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए वर्तमान और भविष्य के संभावित खतरों को कम करने की तरफ सोच होनी चाहिए।
व्हाइट हाउस में हुई बैठक में इस बात पर बल दिया गया कि कंपनियां अपने एआई तंत्र को लेकर नीति निर्माताओं के साथ और ज्यादा पारदर्शी हों। इस बैठक में एआई आधारित उत्पादों की सुरक्षा से जुड़े बिन्दुओं का ध्यान रखा जाए, उन्हें किसी भी तरह के हमले से दूर रखा जाए।
बैठक में शीर्ष सीईओ में गूगल के सुंदर पिचई, माइक्रोसॉफ्ट के सत्या नडेला, ओपनएआई के सैम ऑल्टमैन तथा आंथ्रोपिक के डारियो अमोदी के अलावा अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस तथा बाइडेन के चीफ ऑफ स्टाफ व प्रशासन के कुछ अन्य अधिकारी शामिल हुए थे।
बाद में जारी एक बयान में कहा गया कि टेक्नोलॉजी जीवन को बेहतर बना सकती है, लेकिन सुरक्षा, गोपनीयता तथा नागरिक अधिकारों पर ये चिंताएं भी पैदा कर सकती है। बाइडेन में सीईओ से कहा है कि यह उनकी कानूनी जिम्मेदारी है कि वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अपने उत्पादों की सुरक्षा पुख्ता करें। बाइडेन प्रशासन नए नियमों के प्रसार तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर नए कानून को उनके समर्थन की उम्मीद रखता है।
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