नई दिल्ली। मणिपुर में हिंसा के बाद आठ जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। पांच दिन के लिए इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं। अत्यधिक गंभीर मामलों में दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं। सेना ने मोर्चा संभाल लिया है। चार हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। मणिपुर में मैतेई हिंदू को अल्पसंख्यक दर्जा न दिया जाए, विभिन्न गुट इसका विरोध कर रहे हैं। विरोधस्वरूप बुधवार को एक रैली भी आयोजित की गई थी, जिसके बाद हिंसा हुई।
राज्यपाल की तरफ से आदेश में कहा गया है कि जब समझाना-बुझाना और चेतावनी न मानी जा रही हो, हालात नियंत्रित न हों तो देखते ही गोली मारने का सहारा लिया जा सकता है। मणिपुर में इंफाल पश्चिम, काकचिंग, थौबल, जिरिबाम, बिष्णुपुर, चुराचांदपुर, कांगपोकपी और तेंगनौपाल जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। ब्रॉडबैंड सेवाएं चालू हैं। कई इलाकों में भारतीय सेना के जवानों को तैनात किया गया है।
मणिपुर के गृह मंत्री एचजी प्रकाश ने कहा कि असामाजिक तत्व सोशल मीडिया पर नफरत भरे भाषण और वीडियो के क्लिप प्रसारित कर रहे हैं। इसके जरिये जनता को उकसाया जा रहा है, इसी वजह से सरकार ने मोबाइल डेटा सेवाओं को निलंबित करने का फैसला लिया। वहीं, भारतीय सेना ने एक बयान में कहा कि मणिपुर में प्रशासन के अनुरोध पर कार्रवाई करते हुए तीन मई की शाम से सभी प्रभावित इलाकों में सेना और असम राइफल्स की तैनाती कर दी गई है। हिंसा प्रभावित इलाकों से अधिक से अधिक लोगों को सुरक्षित क्षेत्रों में ले जाने और कानून व्यवस्था बहाल करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। मणिपुर में हिंसा को कम करने के लिए सेना और असम राइफल्स आगे बढ़ी हैं।
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में आदिवासी आंदोलन के दौरान भड़की हिंसा को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से गुरुवार को बातचीत की। केन्द्र सरकार मणिपुर के हालात पर नजर बनाए हुए है। हिंसा को नियंत्रित करने के लिए केन्द्र की ओर से त्वरित कार्य बल (आरएएफ) को भी भेजा गया है। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा कि घटनाएं दो वर्गों के बीच गलतफहमी के कारण हुई हैं।
हिंदू परिवारों पर हमला, घरों में लगाई आग
तोरबंग में बुधवार को मैतेई हिंदू परिवार के घरों में आग लगा दी गई और महिलाओं और बच्चों सहित अन्य लोगों पर हमला किया। इसमें कुकी विद्रोहियों के शामिल होने की आशंका है। तोरबंग के एक स्थानीय ने बताया कि अत्याधुनिक हथियारों से लैस बदमाशों ने घरों में तोड़फोड़ करते हुए कई राउंड गोलियां चलाईं। आतंकित लोगों ने अपने घरों को छोड़ दिया और आसपास के हिंदू बहुल क्षेत्रों जैसे सैटोन, मोइरांग, निंगथौखोंग, बिष्णुपुर और राजधानी इंफाल में शरण ली। तोरबंग के एक अन्य निवासी ने नाम न छापने की शर्त पर फोन पर सूचित किया कि हिंदुओं पर हमले के पीछे का मकसद अज्ञात है, लेकिन हिंसा में संदिग्ध कुकी उग्रवादियों के शामिल होने की आशंका है।
इसलिए भड़की हिंसा
मैतेई हिंन्दू को एसटी श्रेणी में शामिल करने की मांग के खिलाफ बुधवार को मणिपुर के विभिन्न जनजातीय निकायों द्वारा आयोजित ‘एकजुटता रैली’ के बाद हिंसक घटनाएं हुईं। मैतेई समुदाय को एसटी श्रेणी में शामिल किए जाने की मांग के विरोध में तीन मई को रैली का आयोजन हुआ था। ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर ने इस रैली का आयोजन किया था। इस दौरान हिंसा भड़क गई। प्रदर्शनकारियों ने कई घरों में तोड़फोड़ की है। रैली में हजारों आंदोलनकारियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान तोरबंग इलाके में जनजातियों और गैर-जनजातियों के बीच हिंसा भड़क गई। इसके बाद कई और जिलों में भी हिंसा की खबरें आई। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे।
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