चर्च में यौन शोषण किस हद तक जाकर होता रहा है, इसका समय-समय पर खुलासा हुआ है। रोमन कैथोलिक चर्च सहित अन्य अनेक प्रकार के चर्च इस अपराध के दोषी रहे हैं। वेटिकन द्वारा जिन्हें आर्चबिशप बनाया गया ऐसे लोग तक यौनापराध के जिम्मेदार रहे हैं। अब एक ताजा रिपोर्ट ने सनसनीखेज खुलासा किया कि अमेरिका के मैरीलैंड प्रांत के कैथोलिक चर्च से जुड़े पादरियों ने अन्य लोगों के साथ साठगांठ करके दसियों साल तक बच्चों को यौन शोषण का शिकार बनाया था।
रिपोर्ट के अनुसार, मैरीलैंड में चर्च पादरियों ने दो-चार नहीं, बल्कि लगभग 600 बच्चों को अपना शिकार बनाया था, उनका यौन शोषण किया था। ये सब घटनाएं पिछले 80 साल के दौरान दर्ज की गई थीं, परन्तु कैथोलिक पादरियों ने इसे अब तक छुपाए रखा था। पादरियों ने इसे इसलिए छुपाए रखा था क्योंकि उनके अनुसारी, ये तो ‘गॉड की मर्जी’ थी।
अमेरिका में कैथोलिक चर्च के अनुयायियों की सबसे ज्यादा संख्या है। लेकिन इसमें वित्तीय धांधलियों सहित अन्य अनेक प्रकार के अपराधों को प्रश्रय मिलते रहने के चर्चे भी सुनाई देते रहे हैं। और सिर्फ अमेरिका में ही क्यों, जिस भी देश में कैथोलिक चर्च हैं वहां इनके अंदर की सड़ांध कभी छनकर, तो कभी प्रकट रूप में बाहर आती रही है। भारत में भी केरल में चर्च में जिस प्रकार ननों के साथ दुराचार हो रहा है, उसके जीती जागती मिसाल हैं सिस्टर लूसी कलप्पुरा, जिन्होंने बिशप फ्रेंको मुलक्कल पर कई वर्ष तक उनका यौन शोषण किए जाने का आरोप लगाया था। लेकिन ताकतवर चर्च ने सिस्टर लूसी को ही झूठा साबित कर दिया और आज भी वे अपनी इस ‘हिम्मत’ की सजा भुगत रही हैं।
महान्यायवादी ब्राउन की तरफ से जानकारी दी गई कि अमेरिका के मैरीलैंड प्रांत में कैथोलिक चर्च में पादरियों ने 600 से ज्यादा बच्चों को यौन शोषण का शिकार बनाया है। पादरी इन हरकतों में गत 80 वर्श से लगे हुए थे। लेकिन आज तक इन मामलों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। कारण यही था कि चर्च का प्रबंधन तंत्र ऐसे सभी मामलों को दबाता रहा था।
लेकिन अमेरिका के मैरीलैंड चर्च से छनकर आई खबर भी कम हैरान करने वाली नहीं है। वहां के अनेक पादरी बच्चों का यौन शोषण करते रहे लेकिन बाहर किसी को कानोंकान खबर नहीं लगने दी गई, क्यों कि ये तो ‘गॉड की मर्जी’ से हो रहा था। पिछले 80 साल से उस चर्च में यही सब चलता आ रहा था। पर आखिरकार उन पादरियों की ओछी हरकतों का अब हुआ खुलासा सबकी हैरानी की वजह बना है। मैरीलैंड स्टेट के महान्यायवादी एंथनी ब्राउन ने 6 अप्रैल को खुद एक पत्रकार वार्ता में यह रिपोर्ट जारी की है।
महान्यायवादी ब्राउन की तरफ से जानकारी दी गई कि अमेरिका के मैरीलैंड प्रांत में कैथोलिक चर्च में पादरियों ने 600 से ज्यादा बच्चों को यौन शोषण का शिकार बनाया है। पादरी इन हरकतों में गत 80 वर्श से लगे हुए थे। लेकिन आज तक इन मामलों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। कारण यही था कि चर्च का प्रबंधन तंत्र ऐसे सभी मामलों को दबाता रहा था। ऐसे में पादरियों की हिम्मत बढ़ती गई और वे बेखटके इस घृणित कार्य में लगे रहे।
रिपोर्ट बताती है कि चर्च में हुए यौन शोषण के अपराधों में खासतौर पर ऐसे बच्चों को शिकार बनाया गया था, जो किसी मजबूरी को झेल रहे थे अथवा चर्च के अंदर किसी काम के लिए नौकरी पर लगाए गए थे। ऐसे बच्चों को यौन-शोषण का शिकार बनाने वाले पादरी इन कृत्यों को ‘गॉड की मर्जी’ बताते रहे। रिपोर्ट के अनुसार, करीब 156 पादरियों पर यौन-शोषण का आरोप सिद्ध हुआ है। 463 पृष्ठ की यह रिपोर्ट जारी होने के बाद से चर्च के अंदर और बाहर चर्चा को केन्द्र बन गई है। तरत-तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं।
31 करोड़ से ज्यादा की आबादी वाले अमेरिका देश में लगभग 50 प्रांत हैं। बताते हैं, अमेरिका में मैरीलैंड ही है जिसे कैथोलिक चर्च का पहला प्रांत कहा जाता है। मैरीलैंड चर्च के अंदर हुए यौन शोषण के घृणित अपराधों के पीछे बाल्टीमोर के आर्चडायोसिस से जुड़े लोगों की कथित संलिप्तता पाई गई है। लेकिन सवाल है कि इस और पहले आ चुकीं इस जैसी रिपोर्ट से क्या उन पादरियों की सोच बदलेगी जो ‘आसान शिकार’ खोजते हैं और ‘गॉड की मर्जी’ जैसे शब्दों तले अपनी करतूतें छुपा देते हैं।
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