तुर्किये और सीरिया में छह फरवरी को आए शक्तिशाली भूकंप से भारी तबाही हुई है। मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 41,232 हो गया है। तुर्किये के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन ने कहा है कि देश में भूकंप से मरने वालों की संख्या 35,418 हो गई है। इसके अलावा सीरिया में भूकंप से 5,814 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है।
तुर्किये और सीरिया में इमारतों के मलबे से शवों के निकालने का सिलसिला जारी है। इस भूकंप से तुर्किये के कई शहर तबाह हो चुके हैं। इस प्राकृतिक आपदा में जिंदा बचे हजारों लोग बेघर हो गए हैं। इस आपदा पर संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि सीरिया में रेस्क्यू ऑपरेशन अंतिम चरण में है।
तैयप एर्दोगन ने कहा है कि दो करोड़ से ज्यादा लोग पहले ही प्रभावित इलाकों को छोड़ चुके हैं और सैकड़ों इमारतें खंडहर में तब्दील हो गई हैं। एर्दोगन ने अंकारा में टीवी भाषण में कहा-‘तुर्किये मानवता के इतिहास में सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदाओं में से एक का सामना कर रहा है।’
तुर्किये में राहत और बचाव कार्य में जुटीं भारतीय सेना की मेजर बीना तिवारी ने कहा कि तुर्किये और सीरिया में राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की टीमें तैनात हैं। यह टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन से लेकर इलाज मुहैया करा रही हैं। सेना के सी-17 ग्लोब मास्टर विमान के जरिए तुर्किये और सीरिया में मोबाइल अस्पताल, दवाइयां और राहत सामग्री से भरी पांच फ्लाइट पहुंच चुकी हैं। इसके अलावा एक सी-130 जे विमान से भी राहत सामग्री पहुंच चुकी है।
उल्लेखनीय है कि तुर्किये में भूकंप का पहला झटका 6 फरवरी की सुबह 4:17 बजे महसूस किया गया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.8 मैग्नीट्यूड थी। भूकंप का केंद्र दक्षिणी तुर्की का गाजियांटेप था। इससे पहले की लोग इससे संभल पाते कुछ देर बाद ही भूकंप का एक और झटका आया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.4 मैग्नीट्यूड थी। भूकंप के झटकों का यह सिलसिला यहीं नहीं रुका। इसके बाद 6.5 तीव्रता का एक और झटका लगा। इससे तुर्किये के 11 प्रांतों में भारी तबाही हुई है।
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