'धोखेबाज, रिश्वतबाज थे अशरफ गनी': पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री पोम्पिओ
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

‘धोखेबाज, रिश्वतबाज थे अशरफ गनी’: पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री पोम्पिओ

पोम्पिओ ने आरोप लगाया है कि गनी और अब्दुल्ला अब्दुल्ला ऐसे गुटों का नेतृत्व कर रह थे जिन्होंने अमेरिका की तरफ से दी गई लाखों डॉलर की सहायता राशि चुपके से उड़ा ली

by WEB DESK
Jan 30, 2023, 04:47 pm IST
in विश्व
पोम्पिओ (बाएं) और अब्दुल गनी

पोम्पिओ (बाएं) और अब्दुल गनी

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति की बखिया उधेड़कर रख दी है। उन्होंने उन्हें सबसे बड़ा धोखेबाज और रिश्वतबाज बताया है। अपनी नई किताब में पोम्पिओ ने अफगानिस्तान, तालिबान और अमेरिकी सैन्य कार्रवाई के संदर्भ में गनी के लिए लिखा है कि ‘वह (अशरफ गनी) सदा एक रुकावट बने रहे। दुनिया के अनेक नेताओं से मैं मिला हूं, लेकिन गनी मुझे सबसे कम पसंद आने वाले नेताओं में से एक लगे।’

पोम्पिओ ने अपनी किताब में यह आरोप भी लगाया है कि पूर्व राष्ट्रपति गनी बहुत ही धोखेबाज थे, जिन्हें सिर्फ अपनी ही चिंता थी। गनी हर हालत में कुर्सी पर बने रहना चाहते थे। पोम्पिओ के अनुसार, गनी हर तरह की शांतिवार्ता में सबसे बड़ी रुकावट साबित हुए थे।

जैसा कि सब जानते हैं, अगस्त 2021 में कट्टर इस्लामी गुट तालिबान के दूसरी बार काबुल की कुर्सी हथियाने के दौरान अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति गनी कथित तौर पर काफी पैसा लेकर रातोंरात देश छोड़कर भाग खड़े हुए थे। इन्हीं गनी को लेकर पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री ने अपनी पुस्तक ‘नेवर गिव एन इंच:फाइटिंग फॉर अमेरिका आई लव’ में लिखा है कि वे और अफगानिस्तान के पूर्व मुख्य कार्यकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला बहुत बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार में लिप्त थे। यही वजह थी कि अगस्त 2021 में उस युद्धग्रस्त देश अफगानिस्तान से अमेरिका को सुरक्षित बाहर निकलने में रुकावटें आई थीं। 31 अगस्त 2021 तक अमेरिका ने अफगानिस्तान से अपनी सारी सेना हटा ली थी जो वहां 20 साल से ज्यादा समय तक तैनात रही थी।

गनी को लेकर पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री ने अपनी पुस्तक ‘नेवर गिव एन इंच:फाइटिंग फॉर अमेरिका आई लव’ में लिखा है कि वे और अफगानिस्तान के पूर्व मुख्य कार्यकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला बहुत बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार में लिप्त थे। यही वजह थी कि अगस्त 2021 में उस युद्धग्रस्त देश अफगानिस्तान से अमेरिका को सुरक्षित बाहर निकलने में रुकावटें आई थीं। 

पोम्पिओ की यह पुस्तक अभी पिछले सप्ताह ही बाजार में आई है। इसी में पोम्पियो लिखते हैं— ‘जब भी कोई बात आगे बढ़ती, तभी गनी रुकावट खड़ी कर देते। मैं दुनियाभर के नेताओं से मिला हूं लेकिन उन सबमें वही मुझे सबसे कम पसंद आए। अब्दुल गनी बहुत ही धोखेबाज थे, वह कितने ही अमेरिकी लोगों की मौत के जिम्मेदार हैं। गनी कैसे भी कुर्सी पर बने रहना चाहते थे।’

अपनी पुस्तक में पोम्पियो आगे लिखते हैं, ‘मुझे कभी लगा ही नहीं कि गनी अपने देश के लिए कोई खतरा उठाने के पक्ष में थे, वे नहीं चाहते थे कि उनकी कुर्सी खतरे में पड़े। मुझे यह चीज बहुत खराब लगी।’ पुस्तक में पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व वाले इससे पहले की अमेरिकी सरकार की तरफ से कट्टर इस्लामी तालिबान के जिहादियों के साथ की वार्ता का भी ब्योरा दिया गया है।

पुस्तक में पोम्पिओ ने एक और दिलचस्प जानकारी दी है कि आखिर के चुनाव नतीजे बताते हैं कि गनी ने देश के मुख्य कार्यकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला को हरा दिया था। लेकिन असल में सच यह है कि अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने मतदाताओं और वोट गिनने वालों को जितनी रिश्वत खिलाई थी, गनी ने उससे कहीं ज्यादा रिश्वत खिलाई थी।’ यानी गनी बहुत बड़े रिश्वतबाज भी थे।

दरअसल गनी तथा अब्दुल्ला के बीच राष्ट्रपति की कुर्सी को लेकर झगड़ा रहता था। दोनों यह कुर्सी चाहते थे। उन्हें इस बात की रत्ती भर परवाह नहीं थी कि कोई तो सरकार बने जो अफगानिस्तान का नेतृत्व करे। पाम्पिओ ने लिखा कि जनरल (स्कॉट) के कहने पर वे उन्हें यह समझाने के लिए 23 मार्च 2020 को अफगानिस्तान गए थे कि उन्हें हल तलाश करना चाहिए, नहीं तो वे राष्ट्रपति ट्रंप को अफगानिस्तान से फौरन बाहर निकलने का फैसला करने को कह देंगे; ऐसा होता तो उसका यह मतलब होता कि अफगानिस्तान को उस समय अमेरिका से मिल रही करीब छह अरब डॉलर की विदेशी सहायता रुक जाती।’

पोम्पिओ ने आरोप लगाया है कि गनी और अब्दुल्ला अब्दुल्ला ऐसे गुटों का नेतृत्व कर रह थे जिन्होंने अमेरिका की तरफ से दी गई लाखों डॉलर की सहायता राशि चुपके से उड़ा ली। इस बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार का ही नतीजा था कि अमेरिका के अफगानिस्तान से निकलने में तमाम तरह की बाधाएं आड़े आईं।

Topics: kabulabdulganimillitarymikepompioarmyतालिबानरिश्वतbookforeignministerअब्दुल्लाafghanistanabdullahtalibanराष्ट्रपति गनीamericaपोम्पिओ
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और जनरल असीम मुनीर: पाकिस्तान एक बार फिर सत्ता संघर्ष के उस मोड़ पर खड़ा है, जहां लोकतंत्र और सैन्य तानाशाही के बीच संघर्ष निर्णायक हो सकता है

जिन्ना के देश में तेज हुई कुर्सी की मारामारी, क्या जनरल Munir शाहबाज सरकार का तख्तापलट करने वाले हैं!

Representational Image

महिलाओं पर Taliban के अत्याचार अब बर्दाश्त से बाहर, ICC ने जारी किए वारंट, शीर्ष कमांडर अखुंदजदा पर भी शिकंजा

ईरान से निकाले गए अफगान शरणा​र्थी   (फाइल चित्र)

‘मुस्लिम ब्रदरहुड’ के परखच्चे उड़ा रहे Iran-Pakistan, अफगानियों को देश छोड़ने का फरमान, परेशानी में ​Taliban

अमेरिका में क्वाड के मंच पर विचार रखते भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर।

QUAD: क्या है क्वाड? क्या करता है? चीन को चिढ़ क्यों?

पाकिस्तान के एयर चीफ बाबर ने वॉशिंगटन में अमेरिकी वायुसेना प्रमुख जनरल डेविड ऑल्विन और अन्य सैन्य अधिकारियों से मुलाकात की

अमेरिका क्यों गया जिन्ना के देश का वायुसेना प्रमुख! मुनीर के बाद बाबर की ट्रंप प्रशासन से वार्ता के मायने क्या!

UK Sainik

अफगानी शरणार्थियों को घर, जॉर्ज फोर्ड जैसे सैनिक बेघर: यूके में विवाद

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

वैष्णो देवी यात्रा की सुरक्षा में सेंध: बिना वैध दस्तावेजों के बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies