जयपुर में जनवरी को भारतीय अभ्युत्थान समिति के तत्वावधान में सामाजिक सद्भावना बैठक आयोजित हुई। इसमें 23 जाति-बिरादरियों के 300 से अधिक पदाधिकारी शामिल हुए। सभी प्रतिभागियों ने इस बात पर सहमति जताई कि सभी जाति-बिरादरियों को एक साझा कार्यक्रम लेकर चलना चाहिए।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम ने कहा कि परिवर्तन सत्ता के बल पर नहीं आता, बल्कि समाज के भीतर जन्म लेता है। हम अच्छी पहल कर सकारात्मकता बढ़ाते हैं तो समाज के बल पर परिवर्तन लाया जा सकता है। समाज में जीवन और नैतिक मूल्यों व सदाचार को लेकर चलने की क्षमता है।
हम सभी समाज का हिस्सा हैं। इसलिए समाज को साथ लेकर चलना है। उन्होंने कहा कि भेदभाव या छुआछूत का हिंदू धर्म में कोई स्थान नहीं है। भेदभाव मिटाने के लिए हमें जाति-सूचक संबोधन के स्थान पर संवैधानिक शब्दावली का प्रयोग करना चाहिए।
जैसे सामान्य वर्ग या अन्य पिछड़ा वर्ग आदि। हमें सामाजिक समरसता बढ़ाने की जरूरत है।
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