आदि शंकराचार्य की धरती जोशीमठ में भू धंसाव की घटनाओं का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौके पर पहुंचे और उन्होंने हालात का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया कि स्थिति चिंताजनक है और आसपास सभी निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई है।
मुख्यमंत्री ने पहले जोशीमठ का हवाई सर्वे किया और फिर जमीन धंसने वाले क्षेत्रों का मौका मुआयना किया। इस दौरान उन्होंने प्रभावित लोगो के घरों में जाकर उनसे बातचीत भी की। जिसके बाद मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को कहा कि इनके रहने और भोजन आदि की तत्काल व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने बताया कि भू धंसाव के अध्ययन के लिए एक टीम यहां सर्वे का रही है, जल शक्ति मंत्रालय ने भी जोशीमठ के विषय में चिंता जाहिर करते हुए एक उच्च स्तरीय अध्ययन दल यहां भेजा है जिसमे भू गर्भ से जुड़े विशेषज्ञ शामिल है, हम जोशीमठ के लिए अल्प कालीन और दीर्घकालीन योजनाओं पर काम करेंगे। आपदा प्रबंधन की टीम को सक्रिय किया गया है, आसपास सभी निर्माणों पर रोक लगा दी गई है। जिन दरारों से पानी रिस रहा है वहां से पानी का सैंपल लेकर उसके स्त्रोत का पता लगाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा धैर्य से काम लेना जरूरी है और हम स्थानीय जन मानस से भी यही बात कही है कि आपदा का संकट है हम सभी ने मिलकर उसका सामना करना है। उन्होंने कहा कि हमने सभी प्रभावित परिवारों से कहा है कि वो सुरक्षित घरों में शिफ्ट हो जाए उनका किराया हमारी सरकार वहन करेगी। उनके लिए हम चिंतित है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एनटीपीसी को दो हजार हट्स बनाने को बोला है। ये काम भी शुरू हो रहा है। भू धंसाव आईटीबीपी कैंपस तक दिख रहा है ,उन्हे भी सभी की चिंता है। आईटीबीपी, एसडीआरएफ और स्थानीय पुलिस को अलर्ट मोड पर रखा गया है। चमोली के डीएम को यहीं कैंप करने को कहा गया है, एसपी और एसडीआरएफ के वरिष्ठ अधिकारी भी यहीं कैंप करेंगे।
इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने बीजेपी के सर्वेक्षण दल सदस्यों से भी बातचीत कर उनसे रिपोर्ट और सुझाव लिए है।
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