उत्तर प्रदेश विधानमंडल ने गुरुवार को इतिहास रच दिया। नारी शक्ति को समर्पित दोनों सदनों में महिला सदस्यों ने प्रखरता के साथ अपने अपने मुद्दों को रखा। विधायक अनुपमा जायसवाल ने इस कदम को महिला सशक्तिकरण के उन्नयन की मिसाल बताया। उन्होंने कहा कि नारी सम्मान की जो गाथा आज उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा लिखने जा रही है, उसका पूरे देश में इससे पूर्व कोई उदाहरण नहीं मिलेगा।
अनुपमा जायसवाल ने कहा, ”हारे नहीं जब हौसले तो कम हुए कुछ फासले, दूरी नहीं कोई हमे समर्पण चाहिये, कुछ कर गुजरने के लिए मौसम नहीं मन चाहिए।” उन्होंने कहा कि वैसे तो उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में बहुत सारे क्षेत्रों में नंबर वन बनने के कीर्तिमान स्थापित किये गये है, लेकिन आज महिला सशक्तिकरण और महिला विधायक के सम्मान में विशेष सत्र के आयोजन में नंबर वन बनना, पूरे देश में पहली बार होने जा रहा है। यह बाकी प्रदेशों के लिए अनुकरणीय बनेगा। और यहां से जो गूंज आज जाएगी उसकी धमक बरसों बरस तक याद की जाएगी। इसके लिए सबसे ज्यादा बधाई के पात्र विधानसभा अध्यक्ष हैं। विधानसभा अध्यक्ष के प्रयास से आज का बीतता हुआ एक-एक पल बहुत ही सुदंर, स्वर्णिम इतिहास बनने की ओर है।
उन्होंने कहा कि आज कोई महिला दिवस नहीं था कि महिलाओं के विषय में बात करना जरूरी है, लेकिन फिर भी हम महिला सदस्यों के प्रति आपकी और पूरे सदन की संवेदनशीलता ने यह तय कर दिया है कि आगे चलकर यह यहीं समाप्त नहीं होगा। यह 22 सितंबर का दिन हर वर्ष महिला सशक्तिकरण के उन्नयन के रूप में भी जाना जाएगा। दूर दराज गांव में स्वास्थ्य की देखभाल कर रहीं आशा बहनों का मान बढ़ाया है। प्रदेश की एएनएम बहनों, आंगनबाड़ी सेविकाओं की हिम्मत बढ़ाई है। आपने जोश भरा है 33 हजार बैंक सखियों में, आप ने सम्मान दिया है ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा की अलख जला रहीं शिक्षिकाओं को, आपने संबल दिया है स्वयं सहायता समूह की बहनों को, आप ने ऊर्जा प्रदान की है डॉक्टर, पुलिस, वकील और गृहणी बहनों को और बल प्रदान किया है इस सचिवालय में काम करने वाली प्रत्येक महिला को।
मछलीशहर की सपा विधायक डॉ. रागिनी ने शायराना अंदाज में कहा, ‘दिन की रौशनी ख्वाबों को बनाने में गुजर गई, रात की नींद बच्चों को सुलाने में गुजर गई, जिस घर में मेरे नाम की तख्ती भी नहीं, सारी उम्र उस घर को सजाने में गुजर गई ।‘ उन्होंने आगे कहा कि आजादी के 75 वर्षों में पहली बार देश की सबसे बड़े सदन उत्तर प्रदेश में सिर्फ महिला विधायकों को बोलने का अवसर दिया। राम मनोहर लोहिया ने कहा था कि देश का विकास तभी होगा जब देश में नारी का विकास होगा। देश की राजनीति में महिलाओं का नेतृत्व मात्र 9 फीसद ही है। वहीं विकसित देश में महिलाओं का नेतृत्व 30 फीसद है। हमें भी इस पर विचार करने की जरूरत है। मैं सदन के माध्यम से आग्रह करना चाहती हूं कि महिलाओं को हर क्षेत्र में आरक्षण दिया जाए। स्वामी विवेकानंद ने कहा है कि अगर एक मकसद के लिए खड़े हों तो एक वृक्ष की तरह खड़े हों और गिरो तो एक बीज की तरह गिरो ताकि दोबारा उगकर उसी मकसद से दोबारा जंग लड़ सको।
विधायक अर्चना पांडेय ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं को आत्मनिर्भर, स्वावलंबी और सुरक्षा देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में मिशन शक्ति अभियान चलाया जा रहा है। ये पहला ऐसा कार्यक्रम है जो मिशन और ऑपरेशन दोनों के रूप में है। मिशन शक्ति अभियान का फोकस महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरुक करना है। इस दौरान उन्होंने सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं को गिनाते हुए विपक्ष पर हमला किया।
विधायक डॉ. सुरभि ने कहा कि मैं ऐसी पार्टी से चुनकर यहां आई हूं जिसका संचालन एक महिला के हाथों में है। मैं उनका आभार व्यक्त करती हूं। उन्होंने कहा कि किसी भी राष्ट्र का विकास इस बात पर निर्भर करता है कि उसकी आधी आबादी को सभी क्षेत्रों में बराबर का हक मिल रहा है कि नहीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में महिला सशक्तिकरण का स्वर्णिम अध्याय लिखा जा रहा है।
विधायक अंजुला ने कहा कि उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा के मानसून सत्र ने देश ही नहीं दुनिया का भी मानसून बदला है। उन्हाेंने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि विपक्ष का जो रवैया है कि विरोध करने के लिए विरोध करना है और इसीलिए जनादेश उनके पक्ष में नहीं आया है।
टिप्पणियाँ