चीन को कोरोना का जनक माना जाता है। करीब दो साल पूरी दुनिया जिस महामारी की चपेट में डरी-सहमी घरों में दुबकी बैठी रही, उस वायरस की उत्पत्ति करने वाला चीन उस वक्त कमोबेश अछूता रहा था। लेकिन आज जब दुनिया भर के देशों को इससे करीब करीब राहत मिल चुकी है, वहीं चीन आज इस बीमारी से फिर परेशान है और उसके 30 क्षेत्र जबरदस्त लॉकडाउन में बंद हैं। इनमें रह रहे करीब 2.5 करोड़ लोगों को खाने और पीने के लाले पड़ चुके हैं। वे अपना दर्द सोशल मीडिया पर बयां करके मदद की अपील कर रहे हैं।
चीन में जीरो कोविड पॉलिसी नीति के कारण जहां जांच में तेजी लाई गई है, वहीं बाजार, आफिस आदि कड़ाई से बंद रखे गए हैं। जरूरी चीजों की दुकानें खोलने की बात तो सरकार ने की थी, लेकिन जब लोग घरों में कैद हैं तो उनसे सामान लेने कौन जाए? जाए तो पहले कोविड जांच की नैगेटिव रिपोर्ट लेकर आए। ऐसे बहुत ज्यादा प्रभावित 30 क्षेत्रों में कमोबेश संपूर्ण लॉकडाउन लगा हुआ है। यही वजह है कि बहुत से लोगों के पास खाने-पीने की चीजें लगभग खत्म हैं।
जिन इलाकों में लॉकडाउन लगा है, वहां के लोग अब बेसब्र होकर खाने की चीजों के साथ आवश्यक वस्तुओं की कमी को लेकर परेशान हैं। लाखों लोग हैं जो घरों में कैद रहने को विवश हैं। पश्चिमी सिंक्यांग में एक नागरिक ने बताया कि 15 दिन से उनके यहां आटा, चावल जैसी जरूरी चीजें भी नहीं हैं। बच्चों के लिए दूध नहीं बचा है।
कजाकिस्तान सीमा से सटे सिंक्यांग के इली कजाख स्वायत्त सूबे में एक सप्ताह का लॉकडाउन लगा तो लोग परेशान हो गए। वे सोशल मीडिया के जरिये मदद की गुहार कर रहे हैं। एक वीडियो में एक उइगर नागरिक कह रहा है कि उसके तीन बच्चों ने तीन दिन से खाना नहीं खाया है। इली की राजधानी यिनिंग में भी भोजन और दवाओं की किल्लत महसूस की जा रही है। बहुत से लोग ऐसे हैं कि जिनके पास जरूरी चीजें खरीदने लायक पैसे नहीं हैं। एक व्यक्ति कहना है कि उसकी पत्नी पेट से है, अभी उनके दो बच्चे हैं। घर में गैस खत्म हो चुकी है। उसकी पत्नी को डाक्टरी जांच के लिए ले जाना है। लेकिन हर तरह से मुश्किल पेश आ रही है।
गुइझोऊ प्रांत में तो बिना पूर्व सूचना के ही पांच लाख से ज्यादा लोगों को लॉकडाउन में रख दिया गया। द गार्जियन अखबार की एक रिपोर्ट बताती है कि रिहायशी इमारतों की लिफ्टें बंद कर दी गई हैं। चीन के सोशल मीडिया प्लेटफार्म वीबो पर एक यूजर ने लिखा है कि वे सामान ऑनलाइन भी नहीं खरीद सकते क्योंकि उन्हें पहुंचाने वाला कोई नहीं है। सुपरमार्केट बंद हैं। सरकार उनसे जानवरों जैसा बर्ताव कर रही है।
लॉकडाउन झेल रहे स्थानों में सबसे बड़ा शहर है चेंगदू, जो सिचुआन की राजधानी है। यहां 2 करोड़ से अधिक लोगों को शहर छोड़ने को मना कर दिया गया है। कोविड निगेटिव टेस्ट रिपोर्ट दिखाने पर ही लोगों को जरूरी चीजें खरीदने के लिए घर से बाहर आने की छूट दी जाती है। लेकिन इसके लिए पहले घंटों लाइन में लगकर दो-तीन दिन रिपोर्ट आने का इंतजार करना होता है।
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