गत अगस्त को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने त्रिपुरा में गोमती जिले के अमरपुर में नवनिर्मित शांति काली मंदिर का उद्घाटन किया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि भारत एक ऐसा राष्ट्र है, जिसे सनातन जीवनशैली के संबंध में विश्व के सामने उदाहरण स्थापित करने के लिए विकसित होना है।
हम एकता और प्रेम में विश्वास करते हैं। संस्कृति, भाषा और पोशाक के मामले में मतभेद होने पर भी हम अंतर नहीं करते। भारत ने असहायों और जरूरतमंदों के साथ खड़े होने का एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने आगे कहा कि सनातन संस्कृति में अपनापन देखने की प्रवृत्ति है।
हम पेड़-पौधों, पशु-पक्षी सबमें अपनापन देखते हैं। अपनापन देखने की इस प्रवृत्ति से दुनिया का भला होता है। अलगाव देखने की प्रवृत्ति से दुनिया में कलह होती है, शोषण होता है, अन्याय होता है, युद्ध होते हैं, पर्यावरण की हानि होती है। समारोह को मंदिर के मुख्य महंत चित्तरंजन महाराज ने भी संबोधित किया।
कार्यक्रम में त्रिपुरा के उप-मुख्यमंत्री जिष्णु देव वर्मा, कृषि मंत्री प्रणजीत सिंह रॉय, केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक सहित बड़ी संख्या में अनेक संगठनों के कार्यकर्ता उपस्थित थे।
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