अभी पिछले दिनों चीन के विदेश मंत्री वांग यी बांग्लादेश गए थे, वहां उन्होंने कुछ विकास योजनाओं में चीनी भागीदारी के करार कराए थे, बांग्लादेश को अपने पैसे का रौब दिखाया था। इसी मौके पर बांग्लादेश सरकार ने वांग से अनुरोध किया था उनके यहां थोक के भाव आ बसे म्यांमारी रोहिंग्याओं की मुसीबत से निजात दिलाएं। चीन के नेता वादा करके लौट गए। लेकिन अभी तक उस मामले में हुआ कुछ नहीं है। इधर बांग्लादेश में रोहिंग्याओं ने भयंकर उत्पात मचा रखा है। इनके अपराध इतने बढ़ गए हैं कि सरकार जहां जहां इनके शिविर हैं वहां वहां अब सेना को तैनात करने की बात करने लगी है।
बांग्लादेश सरकार लगातार इस कोशिश में है कि कैसे भी कट्टर मजहबी और अपराधी प्रवृत्ति के रोहिंग्याओं को अपनी सीमा से बाहर कर दे। कारण, वहां रोहिंग्या शरणार्थी अराजकता की हद पार कर चुके हैं। ऐसा कौन सा अपराध है जिसमें वे लिप्त नहीं हैं। यही वजह है कि बांग्लादेश में अपराध का आंकड़ा बीते सालों में तेजी से चढ़ा है। इस बीच, बांग्लादेश के गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल ने कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो रोहिंग्याओं के शिविरों में अब सेना के जवानों को तैनात किया जाएगा, जिससे अपराध बढ़ने से रोके जा सकें।
बांग्लादेश के अधिकारियों के अनुसार, विषेश तौर पर कॉक्स बाजार इलाके में पिछले पांच सालों में हत्या, लूट, बलात्कार, नशीले पदार्थों की तस्करी सहित तमाम आपराधिक गतिविधियों में लगभग सात गुना बढ़ोतरी हो चुकी है। समस्या इतनी विकट हो गई है कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना खुद भी इस मुसीबत की चर्चा कर चुकी हैं। अनेक मौकों पर उन्होंने अपने भाषण में पुलिस रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा भी है कि कुछ रोहिंग्या आपराधिक गतिविधियों के अगुआ बने हुए हैं। इतना ही नहीं, रोहिंग्या शिविर इस्लामी जिहादी गुटों के मजबूत अड्डे बन रहे हैं।
बांग्लादेश के गृह मंत्री असदुज्जमां खान ने यह भी कहा है कि रोहिंग्याओं के मोबाइल फोन को ट्रैक करके निगरानी की जाएगी जिससे वे कोई गैरकानूनी हरकत न कर सकें। उल्लेखनीय है कि म्यांमार में इस वक्त सेना की सरकार है। ऐसे में वहां से बांग्लादेश में हथियार और नशीले पदार्थों की तस्करी के मामलों में ढाई गुना की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
दिलचस्प तथ्य है कि वह बांग्लादेश ही था जिसने 2017 में आगे आकर म्यांमार से भागे रोहिंग्याओं को शरणार्थी के नाते बड़ा दिल दिखाते हुए स्वीकार किया था। इसकी बड़ी वजह उनका कट्टर मुस्लिम होना ही थी। लेकिन बांग्लादेश में आकर उन्होंने तेजी से अपनी आबादी ही नहीं बढ़ाई बल्कि अपराधों में उनकी भागीदारी भी तेज हो गई। और ऐसा सिर्फ बांग्लादेश में ही नहीं हो रहा है, जहां जहां ये रोहिंग्या गए हैं वहां वहां इन्होंने अपनी आपराधिक प्रवृत्ति दिखाई है। भारत भी इस समस्या से कहां अछूता है!
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