उत्तराखंड वन विभाग अपनी जमीन पर मजारों और अन्य समुदाय के लोगों के कब्जा करने पर आंखे मूंद कर बैठ जाता है, दूसरी ओर स्टेट कैंसर हॉस्पिटल परिसर में बन रहे नए भवन के निर्माण में उसने अड़ंगा लगा दिया है। वन विभाग ने निर्माण कार्य रुकवा कर पहले स्टेज 2 की अनुमति केंद्र से लाने को कहा गया है।
हल्द्वानी में मेडिकल कॉलेज परिसर में स्वामी राम कैंसर इंस्टीट्यूट हॉस्पिटल है। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के अनुदान पर इसे स्टेट कैंसर हॉस्पिटल में अपग्रेड करने के लिए 15 करोड़ रुपए जारी किए, ताकि नए भवनों का निर्माण हो सके। इसके लिए जैसे ही काम शुरू हुआ वन विभाग के अधिकारियों ने आकर काम रुकवा दिया। वन विभाग के डीएफओ वैभव सिंह के मुताबिक अस्पताल प्रशासन के पास स्टेज 1 की अनुमति है, जो कि सड़क पेयजल योजना के लिए होती है। भवन निर्माण के लिए स्टेज 2 की मंजूरी चाहिए। इसे राज्य वन विभाग को केंद्र के पर्यावरण, वन, जलवायु परिवर्तन मंत्रालय जारी करता है। उन्होंने इसके लिए अधिनियम 1980 का हवाला दिया है।
दिलचस्प बात ये है कि ये अस्पताल परिसर पहले वन विभाग द्वारा संचालित किया जाता था। बाद में राज्य सरकार ने इसका अधिग्रहण किया और सभी वन भूमि राज्य सरकार ने अपने पास ले ली। पहले वन विभाग ने अपने भवनों के निर्माण के लिए कोई विभागीय अनुमति तक नहीं ली, यहां तक कि शहर प्रशासनिक कार्यालय से भवन निर्माण के नक्शे तक पास नहीं करवाए। अब वही वन विभाग, कैंसर हॉस्पिटल के नए भवन के निर्माण में अड़ंगा लगाने पहुंच गया है।
बहरहाल मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य अरुण कुमार सिंह और स्टेट कैंसर हॉस्पिटल के निदेशक केसी पांडेय ने कहा है कि अब अनुमति के लिए प्रार्थना पत्र दिया जाएगा। उसकी मंजूरी के बाद ही काम शुरू होगा। इस अस्पताल के विस्तार से कुमाऊं क्षेत्र के अलावा रामपुर, मुरादाबाद तक के कैंसर रोगियों को निशुल्क इलाज मिलने की सुविधा हो जाएगी।
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