एक तरफ देश मेंं बड़े स्तर पर आजादी के पर्व को मनाने की तैयारियां चल रही हैं वहीं 15 अगस्त से 11 दिन पहले शाहाबाद जीटी रोड से टाइमर बम मिलने की घटना के पीछे किसी बड़ी साजिश की बू आ रही है क्योंकि 15 अगस्त के दिन बड़ी-बड़ी हस्तियां, मुख्यमंत्री एवं नेताओंं को कार्यक्रमों में शिरकत करनी है। यह कहने में किसी तरह की हिचकिचाहट नहीं की शायद पकड़ा गया दहशतगर्द इस बम को स्वतंत्रता दिवस के दिन ही किसी घटना को अंजाम देना चाहता हो।
इसी तरह के कईं सवाल पुलिस के साथ-साथ पब्लिक के जहन में भी घूम रहे हैं कि आखिर पंजाब से पकड़ा गया दहशतगर्द इस टाइमर बम से किस बड़ी घटना को अंजाम देना चाहता था। दहशतगर्द किस दिन और किस समय आरडीएक्स को जीटी रोड पर जंगल में छिपा कर रख था और आखिर इस बम का प्रयोग कहां करना चाहता था। यह भी अटकलेंं लगाई जा रही हैं कि इस घटना के तार करनाल में हुए बम धमाके के साथ भी जुड़े हो सकते हैं। हालांकि पुलिस इस बिंदू पर भी जांच करेगी कि कहीं इस दहशतगर्द का हाथ पंजाब के गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या में तो नहीं। इन सभी बिंदुओं पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और जांच के बाद बड़े खुलासे हो सकते हैं कि यह दहशतगर्द किस संगठन के लिए काम करता है और कितने लोग इस घटना के साथ जुड़े हुए हैं। फिलहाल तो एक युवक ही पुलिस की गिरफ्त में आया है जांच में अन्य आरोपितों के सामने आने की संभावना है।
दहशतगर्द की निशानदेही पर बेशक पुलिस ने आरडीएक्स को बरामद कर लिया लेकिन फिर भी सुरक्षा के दृष्टिगत एसटीएफ खोजी कुत्तों को मौके पर लेकर आई और एक विशेष सर्च आप्रेशन चलाया गया। करीब 2 किलोमीटर के जंगलनुमा क्षेेत्र को बारीकी से जांचा गया कि कहीं अन्य स्थान पर आरडीएक्स छुपाया न गया हो।
युवक की निशानदेही के बाद पुलिस ने करीब एक डेढ किलोमीटर के क्षेत्र को बिल्कुल सील कर दिया। लिंक रोड से वाहनों की आवाजाही बंद कर दी। फिलहाल एसटीएफ के जवानों ने बम निरोधक जैकेट डालकर आरडीएक्स को निष्क्रिय कर दिया है।
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