संप्रग सरकार में केन्द्रीय मंत्री रहे और उस दौरान 2जी घोटाले में शामिल पाए जाने के बाद जेल की हवा खा चुके तमिलनाडु के नीलगिरी लोकसभा क्षेत्र से डीएमके सांसद ए.राजा ने अब एक बेसिरपैर का बयान देने के लिए लोगों के गुस्से की वजह बने हैं। परसों एक कार्यक्रम में राजा ने अलगाववादी बयान देते हुए तमिलनाडु को ‘स्वायत्त’ बनाने की मांग की।
3 जुलाई को तमिलनाडु में स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों की डीएमके पार्टी की तरफ से बैठक की गई थी। इस बैठक में प्रदेश के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन भी मौजूद थे। उनकी उपस्थिति में ए.राजा कहा कि जब तक ‘तमिलनाडु को पूर्ण स्वायत्तता’ नहीं मिल जाती तब तक उनकी लड़ाई जारी रहेगी।
वैसे राजा के लिए ऐसे विवादों भरे बयान देना कोई नई बात नहीं है। वे अक्सर ऐसे बेमतलब के भड़काने वाले बयान देते रहे हैं और सुर्खियों में आते रहे हैं। ऐसे विवादित डीएमके नेता ए.राजा ने रविवार की बैठक में ऐसी बातें कहीं कि तमिलनाडु ही नहीं, बल्कि पूरे देश के राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी। नामक्कल में हुई इस बैठक में उन्होंने केंद्र सरकार को ‘चेतावनी’ भरे स्वर में कहा तमिलनाडु को स्वायत्ता प्रदान की जाए। सांसद राजा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लक्षित करते हुए कहा कि उन्हें मजबूर न किया जाए कि वे एक अलग तमिल राष्ट्र की मांग करें इसलिए तमिलनाडु को स्वायत्त घोषित कर दें।
मुख्यमंत्री स्टालिन की उपस्थिति में इस तरह की अलगाववादी बयानबाजी के मायने बहुत गंभीर होते हैं। स्टालिन ने भी उन्हें ऐसा बोलने से नहीं रोका। शायद इसी से शह पाकर राजा ने आगे कहा कि ‘जब तक द्रविड़ आंदोलन के प्रतीक पेरियार जिंदा रहे तब तक वे एक आजाद तमिलनाडु के लिए संघर्ष करते रहे। लेकिन अब द्रमुक इस मत से दूर हो चुकी है। हमारे कार्यकर्ता तत्कालीन मुख्यमंत्री अन्नादुरई के दिखाए रास्ते पर चल रहे हैं। पार्टी ने भले ही पेरियार को स्वीकार किया, पार्टी अब भी अखंडता और लोकतंत्र के समर्थन में खड़ी है’।
राजा ने आगे चेतावनी भरे लहजे में कहा कि ‘हमें अब पेरियार के रास्ते पर बढ़ने के लिए मजबूर ना किया जाए। हम केंद्र सरकार से विनती करते हैं कि हमें स्व-शासन का अधिकार दे दिया जाए। उन्होंने कहा आज डीएमके अलग राज्य की मांग से पीछे हट गई है, लेकिन हम राज्य की स्वायत्तता मांग रहे हैं। हम ये किसी अभिमान में आकर नहीं कह रहे हैं’।
ए. राजा की ऐसी अलगाववादी बातों की हर तरफ आलोचना हो रही है। भाजपा ने भी इसे हल्के में नहीं लिया है। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने ट्वीट करके उनके बयान की निंदा की है। उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि डीएमके अलगाववादी रवैया अपना रही है। उन्होंने कहा कि ‘किसी पार्टी या केंद्र सरकार का विरोध करना तो समझा जा सकता है, लेकिन आपने तो ‘एक भारत’ के विचार का ही खंडन शुरू कर दिया है’।
जैसा पहले बताया, इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन स्वयं मौजूद थे, लेकिन उन्होंने राजा के ऐसे बयान पर उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। राजा के बोलने से पहले वे स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों को कानून, निष्पक्षता तथा न्याय के मूल्यों का पालन करने तथा लोगों की सेवा करने का निर्देश दे चुके थे।
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