मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विद्यार्थियों को जीवन में सफ़लता के लिए संयम और समय प्रबंधन की सीख दी है। उन्होंने कहा है कि हर क्षेत्र में करियर की बेहतरीन संभावना है। अपनी प्रतिभा, क्षमता और रुचि को जानकर लक्ष्य तय करने की जरूरत हैं। मेहनत कीजिये, इसका दूसरा कोई विकल्प नहीं है। यह हमारी प्रतिभा को और निखार देता है। वहीं, अभिभावकों से सीएम ने स्कूल के भरोसे सब कुछ छोड़ देने से परहेज करते हुए घर पर अनुशासन का माहौल बनाये रखने की जरूरत बताई ।
मुख्यमंत्री योगी ने बुधवार को अपने सरकारी आवास पर यूपी बोर्ड के लखनऊ जिले के टॉपर विद्यार्थियों , उनके अभिभावकों व प्राचार्यों से मुलाक़ात की । शीर्ष 10 विद्यार्थियों से बारी-बारी से बातचीत करते हुए उन्होंने कॅरियर की भावी कार्ययोजना के बारे में पूछा। विज्ञान वर्ग के ज्यादातर छात्रों ने जेईई को अपना लक्ष्य बताया जबकि मानविकी वर्ग के एक छात्र ने कहा कि वह सिविल सेवा की तैयारी करेंगे। सभी को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने उनकी दिनचर्या के बारे में पूछा और कहा कि छात्रों को समय प्रबंधन पर विशेष ध्यान देना चाहिए। दिनचर्या में सोकर उठने से लेकर सोने तक का पूरा टाइम टेबल तय होना चाहिए। सुबह जल्दी उठें और रात्रि में अध्ययन के उपरांत समय से सोएं, यह आपके मन और तन को स्वस्थ और तरोताजा रखेगा। तय स्कूली पाठ्यक्रम के अलावा आपको देश-दुनिया के समसामयिक स्थिति से अपडेट रहना चहिए। अखबार एक अच्छा माध्यम है। दिनचर्या में एक समय अखबार पढ़ने के लिए जरूर रखें। अखबारों के सम्पादकीय पृष्ठ विचारों से परिपूर्ण होते हैं अलग अलग विचारों को पढ़कर आप किसी विषय में अपना नजरिया तय कर सकते हैं। यह आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं में आपके लिए उपयोगी सिद्ध होगा। साथ ही कहा कि सफलतम व्यक्ति छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देता है और गलतियों का तत्काल परिमार्जन करता है। लापरवाही अथवा अति आत्मविश्वास असफलता का मुख्य कारक है। पाल्यों की शानदार सफलता पर अभिभावकों को बधाई देते हुए कहा कि विद्यालय और घर, दोनों जगह का माहौल विद्यार्थियों के व्यक्तित्व पर असर डालता है। अतः शिक्षक हों या अभिभावक सकारात्मक माहौल बनाए रखने का प्रयास करें। महत्वपूर्ण यह भी है कि आपका पाल्य घर पर स्वाध्याय जरूर करे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अभिनव प्रयास करते हुए प्रतिवर्ष ‘परीक्षा पे चर्चा’ की जाती है। विद्यार्थियों एवं अभिभावकों को यह चर्चा जरूर सुननी चहिए।
सीएम ने कहा कि शिक्षक के पढ़ाने की शैली विषय की ग्राह्यता पर प्रभाव डालती है। शिक्षण संस्थाओं को चाहिए कि रोचक ढंग से पढ़ाएं। अध्ययन में अपेक्षाकृत कमजोर बच्चों के लिए विशेष कक्षाएं चलाई जानी चाहिए। ऐसा अक्सर देखने में आता है कि परीक्षा पर फोकस करते हुए विद्यालय नोट्स बनाकर देने में अधिक विश्वास करते हैं। इससे बचा जाना चहिए। विषय के विस्तार में जाएं, पूरी जानकारी दें। परीक्षा पैटर्न की जानकारी अभिभावकों और विद्यार्थियों को दी जानी चाहिए। केंद्र व राज्य सरकार द्वारा छात्रों एवं युवाओं के हित मे अनेक योजनाएं संचालित की जाती हैं।
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, स्टैंड अप योजना, स्टार्ट अप योजना, मुद्रा योजना, डिजिटल इंडिया आदि योजनाओं का बड़ी संख्या में युवाओं ने लाभ लिया है। ऐसी व्यवस्था बनाये कि विद्यालयों में इन योजनाओं की जानकारी छात्रों को मिल सके। योजना का पूरा विवरण जैसे, उद्देश्य, अर्हता, आवेदन का तरीका आदि पूरी जानकारी दें। प्रातः कालीन प्रार्थना सभा इसके लिए उचित अवसर हो सकती है। अभ्युदय कोचिंग की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अभ्युदय कोचिंग संचालित करती है। यहां नीट, जेईई, यूपीएससी, यूपीपीएससी, एनडीए, सीडीएस सहित विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की निःशुल्क तैयारी कराई जाती है। इसकी विशेषता यह है कि इसका संचालन उनके द्वारा किया जाता है जिन्होंने सम्बंधित परीक्षा को उत्तीर्ण कर लिया है। जैसे युवा आईएएस, आईपीएस, पीसीएस, पीपीएस अधिकारी, युवा डॉक्टर, नव चयनित इंजीनियर्स आदि।
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