बीजेपी ने राष्ट्रपति पद के लिए जनजाति समाज से आने वाली द्रौपदी मुर्मू का चयन किया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने इसकी घोषणा की।
पेशे से शिक्षिका रह चुकीं द्रौपदी मुर्मू ओडिशा के मयूरभंज जिले की रहने वाली हैं। इनका जन्म 20 जून, 1958 को कुसुमी ब्लॉक के उपरबेड़ा गांव के एक संथाल जनजाति समाज के बिरंची नारायण टुडू के घर में हुआ. 1997 से अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत करने वालीं द्रौपदी मुर्मू ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने पार्षद का चुनाव जीत कर अपने सफल राजनैतिक जीवन का आरंभ किया था। जिसके बाद उसी वर्ष वह भाजपा की ओडिशा इकाई के अनुसूचित जनजाति मोर्चा की उपाध्यक्ष भी बनीं।
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मुर्मू 2002 से 2009 तक और फिर 2013 में मयूरभंज की भाजपा इकाई की जिलाध्यक्ष रहीं वह ओडिशा में दो बार भाजपा से विधानसभा चुनाव जीतने के बाद भाजपा गठबंधन वाली नवीन पटनायक सरकार में 6 मार्च, 2000 से 6 अगस्त, 2002 तक वाणिज्य और परिवहन के लिए स्वतंत्र प्रभार और 6 अगस्त, 2002 से मई 16, 2004 तक मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास राज्य मंत्री थीं। वर्ष 2007 में उन्हें ओडिशा विधानसभा का सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। द्रौपदी मुर्मू भाजपा की आदिवासी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य रह चुकी हैं।
जीवन में कई त्रासदियों का सामना करने के बाद भी मुर्मू ने अपनी हिम्मत बनाई रखी। उनका विवाह श्याम चरम मुर्मू से हुआ था और उनके दो बेटे और एक बेटी थी। श्याम चरम मुर्मू की असमय मौत के बाद द्रौपदी मुर्मू ने अपनी बेटी इतिश्री का पालन पोषण किया। मुर्मू रायरंगपुर स्थित श्रीअरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च में मानद सहायक शिक्षक और सिंचाई विभाग में कनिष्ठ सहायक के रूप में काम कर चुकी हैं।
मुर्मू 2015-2021 तक झारखंड की पहली महिला और जनजाति समाज से देश की पहली महिला राज्यपाल भी रही हैं। 64 वर्षीय द्रौपदी मुर्मू झारखंड के गठन के बाद से पहली ऐसी राज्यपाल थीं, जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया था। अब अगर द्रौपदी मुर्मू यह चुनाव जीतती हैं तो वह जनजाति समाज से देश की पहली राष्ट्रपति होंगी।
बता दें कि मौजूदा राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव होंगे और 21 जुलाई को परिणाम घोषित किए जाएंगे। नामांकन की आखिरी तारीख 29 जून है। 25 जुलाई को नए राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण होगा। इस साल कुल 4809 इलेक्टर वोट करेंगे। इसके अलावा कोई भी राजनीतिक दल अपने सदस्यों के लिए व्हिप जारी नहीं कर सकता है।
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