ब्रिटेन सरकार ने आखिरकार विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे को अमेरिका प्रत्यर्पित करने का आदेश पारित कर दिया है। ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल ने प्रत्यर्पण के आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।
बता दें कि इससे पहले ब्रिटेन की एक अदालत ने व्यवस्था दी थी कि असांजे को अमेरिका प्रत्यर्पित किया जा सकता है। यहां यह जानना भी दिलचस्प है कि अमेरिका भेजे जाने से बचने के लिए असांजे वर्षों से कानूनी लड़ाई लड़ते आ रहे हैं और कल देर शाम आया ब्रिटेन का यह फैसला इस पूरे प्रकरण में एक खास मोड़ की तरह देखा जा रहा है।
हालांकि लगता नहीं कि असांजे की प्रत्यर्पण को रोकने की कोशिशें यहीं रुक जाएंगी। उनके पास इस फैसले के विरोध में अदालत में अपनी करने के लिए 14 दिन का समय है और उनकी वकील ने संकेत दिया है कि वे अदालत जा सकती हैं।
उल्लेखनीय है कि जासूसी के आरोपों में विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे फिलहाल ब्रिटेन की उच्च सुरक्षा वाली जेल में कैद हैं। लेकिन अब उनके अमेरिका प्रत्यर्पित होने की खबरों ने एक हलचल पैदा कर दी है।
जानकारों के अनुसार, अमेरिका में जूलियन असांजे के विरुद्ध जासूसी के करीब 14 मामले लंबित हैं। इसलिए अगर असांजे वहां प्रत्यर्पित किए गए तो उन पर लंबा मुकदमा चल सकता है और इन सभी मामलों में दोषी पाए जाने पर उन्हें लगभग 175 साल की कैद हो सकती है।
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