यह वर्ष आजादी के अमृत महोत्सव को समर्पित है। पूरे देश में कला और साहित्य की बीज बोकर संस्कारों के वृक्ष तैयार करने वाली संस्कार भारती भी स्वाधीनता का अमृत महोत्सव मना रही है।
संस्कार भारती “स्वाधीनता का अमृत महोत्सव” के निमित्त देश भर में 75 विस्मृत नायकों के जीवन प्रसगों पर 75 नाटकों के मंचन का संकल्प लिया है। इनमें से अब तक 11 भाषाओं में 51 नाटक तैयार हो चुके हैं तथा 17 नाटकों का मंचन भी हो चुका है।
लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के आग्रह पर पंडित ओमकार नाथ ठाकुर ने आकाशवाणी पर 15 अगस्त 1947 को प्रातः 06:30 बजे वन्देमातरम का गायन प्रस्तुत किया था। इसी की स्मृति में इस वर्ष 15 अगस्त को स्वाधीनता के 75 वर्ष पूर्ण होने पर प्रातः 06:30 बजे वन्देमातरम का गायन संस्कार भारती के कला साधकों द्वारा देश भर में किया जाएगा।
संस्कार भारती पूरे देश में कला एवं साहित्य के क्षेत्र में कार्य कर रही है। संस्कार भारती संगीत, साहित्य, नृत्य, नाट्य, चित्रकला, भू-अलंकरण एवं प्राचीन कला में साधनारत कलासाधकों के माध्यम से समाज में भारतीय विचारों को स्थापित करने का कार्य विगत 40 वर्षों से कर रही है। महामारी काल में आभासीय माध्यम से कलाओं की प्रस्तुति वरन उनके बारे में विस्तृत जानकारी तज्ञ लोगों के माध्यम से समाज के सामने प्रस्तुत की गई है।
टिप्पणियाँ