ज्ञानवापी और श्रृंगार गौरी मामले में सर्वे का कार्य पूर्ण हो चुका है। न्यायालय में आज इसकी रिपोर्ट को प्रस्तुत करने की तारीख है। वहीं, कमीशन के द्वारा रिपार्ट को तैयार करने को लेकर न्यायालय से थोड़ा समय मांगा जा सकता है। हिंदू पक्ष की ओर से बाबा के राग, भोग, आरती एवं पूजा को लेकर प्रार्थना पत्र दिया जाएगा।
हिंदू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने बताया कि बाबा जब वहां प्रकट हुए हैं, तो उनके भोग, आरती, पूजन की व्यवस्था भी होनी चाहिये। हमारी यही मंशा है। मस्जिद में 20 नमाजियों को नमाज पढ़ने की अनुमति मिली है। हम भी न्यायालय से अपनी बातों को प्रार्थना पत्र देकर रखेंगे कि बाबा जहां मिले हैं, वहां पूजन, भोग की व्यवस्था की जाये। सांस्कृतिक न्याय का मार्ग प्रशस्त हो रहा है। नंदी को सदियों से अपने बाबा का इंतजार था।
वहीं, सहायक अधिवक्ता आयुक्त अजय प्रताप सिंह ने बताया कि रिपोर्ट को प्रस्तुत करने को लेकर थोड़ा और समय न्यायालय से मांगा जायेगा। कमीशन की रिपोर्ट के लिये थोड़ा समय लग सकता है।
12 मई को सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने अधिवक्ता आयुक्त अजय कुमार मिश्रा के सहयोग के लिये विशेष अधिवक्ता आयुक्त विशाल सिंह और सहायक अधिवक्ता आयुक्त अजय प्रताप सिंह को नियुक्त किया था। इनकी टीम के साथ वादी और प्रतिवादी पक्ष के लोगों ने 14 से 16 मई तक ज्ञानवापी परिसर का सर्वे, फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी किया।
हिंदू पक्ष के प्रार्थना पत्र की न्यायालय द्वारा स्वीकार करते हुए ज्ञानवापी परिसर में जहां बाबा के मिलने की बात सामने आयी। उसको सील करने को आदेश दिया था। जिला प्रशासन और पुलिस और सीआरपीएफ की टीम ने उस जगह को सील कर दिया है। स्थल का निरीक्षण तीन शिफ्ट में रोज किया जायेगा।
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