मुख्यमंत्री सेहत बीमा योजना के तहत पंजाब के निजी अस्पतालों में इलाज पर खतरा मंडरा रहा है। राज्य में करीब 800 निजी अस्पताल इस योजना में सूचीबद्ध हैं,
आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री सेहत बीमा योजना के तहत पंजाब के निजी अस्पतालों में इलाज पर खतरा मंडरा रहा है। राज्य में करीब 800 निजी अस्पताल इस योजना में सूचीबद्ध हैं, जिनका करीब 250 करोड़ रु. का बिल अटका हुआ है।
डॉक्टरों ने सरकार को चेतावनी दी है कि 7 मई तक बकाया भुगतान नहीं हुआ तो वे योजना के तहत इलाज नहीं करेंगे। इसके लिए राज्य के नर्सिंग होम और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के डॉक्टर सभी जिलों के डॉक्टरों को साथ लेंगे।
वहीं, आआपा सरकार ने डॉक्टरों की चेतावनी के बाद मार्च से योजना को ट्रस्ट मोड पर ले लिया है, लेकिन 50 प्रतिशत निजी अस्पताल इससे सहमत नहीं हैं। निजी अस्पतालों का कहना है कि सरकार यह स्पष्ट नहीं कर रही है कि दो साल का बकाया भुगतान बीमा कंपनी करेगी या सरकार।
टिप्पणियाँ