विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट रविवार सुबह 6 बजकर 15 मिनट पर वैदिक मंत्रोच्चारण एवं विधि-विधान के साथ श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए गए। सनातन धर्म में श्री बदरी विशाल की सबसे बड़े तीर्थ स्थल की मान्यता है। आज से ग्रीष्मकाल के छह माह तक यहां श्रद्धालु भगवान बदरी विशाल के दर्शन व पूजा-अर्चना कर सकेंगे।
कोविड की वजह से हजारों तीर्थयात्रियों को यहां आने के लिए दो साल का इंतजार करना पड़ा। कपाट खुलने के अवसर पर मंदिर को भव्य रूप से गेंदे के फूलों से सजाया गया था। गढ़वाल रेजिमेंट के बैंड की भक्तिमय धुनों एवं जय बदरी विशाल के जयकारों के साथ देश-विदेश से आये हजारों श्रद्धालु कपाट खुलने के साक्षी बने। इससे पूर्व शनिवार शाम आदि शंकराचार्य की गद्दी और डोली भी यहां पहुंची। श्री बदरीनाथ मंदिर के कपाट खुलते ही चारधाम की यात्रा विधिवत शुरू हो गई है।
उल्लेखनीय है कि 3 मई को श्री गंगोत्री व श्री यमुनोत्री धाम और 6 मई को श्री केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोले गए। दो साल कोविड के कारण चारधाम यात्रा प्रभावित रही। इस बार कपाट खुलने के दौरान से ही भारी संख्या में श्रद्धालु चार धाम में पहुंचे हैं और यह सिलसिला लगातार जारी है। बदरीनाथ धाम में द्वार खुलने के अवसर पर श्रद्धालु व भक्तजन देर रात से ही भगवान बदरी विशाल के दर्शन करने हेतु कतार पर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। कपाट खुलते ही श्रद्धालुओं द्वारा बारी-बारी से भगवान बदरी विशाल के दर्शन किये।
इस समारोह के अवसर पर श्री बदरीनाथ धाम के मुख्य पुजारी श्री रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी, नायब रावल श्री अमरनाथ नंबूदरी, धर्माधिकारी आचार्य भुवन चंद्र उनियाल, बदरी-केदार मंदिर सामिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, उपाध्यक्ष किशोर पंवार, विधायक बद्रीनाथ राजेन्द्र भंडारी, पूर्व विधायक महेंद्र भट्ट, डीजीपी अशोक कुमार, आशुतोष डिमरी आदि मौजूद रहे।
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