झारखंड में हजारीबाग जिले के बड़कागांव के बहुचर्चित चिरुडीह हत्याकांड में न्यायायुक्त विशाल श्रीवास्तव की अदालत ने 24 मार्च को झारखंड के पूर्व मंत्री सह कांग्रेस नेता योगेंद्र साव और कांग्रेस से ही पूर्व विधायक रहीं उनकी पत्नी निर्मला देवी को 10 साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने योगेंद्र साव पर 6,000 रुपये और निर्मला देवी पर 5,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इस मामले में अदालत ने उन्हें पहले ही दोषी करार दिया था, जबकि इनके पुत्र अंकित कुमार को अदालत ने पिछले दिनों बरी कर दिया था। आपको यह भी बता दें कि वर्तमान में बड़कागांव से कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद योगेंद्र साव और निर्मला देवी की ही पुत्री हैं। सजा मिलने के बाद अंबा प्रसाद ने अपने माता—पिता का बचाव करते हुए कहा है कि वे दोनों निर्दोष हैं, उन्हें जानबूझकर इस मामले में फंसाया जा रहा है। इस मामले को लेकर वह धरने पर बैठी हैं।
उल्लेखनीय है कि योगेंद्र साव निर्मला देवी ने स्थानीय ग्रामीणों के साथ मिलकर 2015 में एनटीपीसी के खिलाफ कफन सत्याग्रह किया था। आंदोलनकारियों ने चिरुडीह में खनन कार्य मेें लगी मशीनों को रोक दिया। इसके बाद मौके पर आई पुलिस ने निर्मला देवी को गिरफ्तार कर लिया। इसी दौरान गांव वालों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया और निर्मला देवी को पुलिस हिरासत से छुड़ाकर ले गए। इसी को लेकर पुलिस को अपने बचाव में गोली चलानी पड़ी थी जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई थी। इसमें योगेंद्र साव और निर्मला देवी और उनके पुत्र अंकित कुमार सहित सैकड़ों लोगों को आरोपी बनाया गया था।
विवादों के बादशाह योगेंद्र साव
योगेंद्र साव का विवादों से बहुत पुराना नाता है। उनके ऊपर झारखंड टाइगर फोर्स नाम के नक्सली संगठन चलाने का भी आरोप है। उनके ऊपर मानव तस्करी करने वाले कुख्यात पन्नालाल गंजू के साथ भी सांठगांठ का आरोप है। इन आरोपों के पीछे कुछ तथ्य भी हैं। 4 अक्तूबर, 2014 को क्राइम ब्रांच दिल्ली की टीम और झारखंड पुलिस ने मिलकर योगेंद्र साव को कुख्यात मानव तस्कर पन्नालाल गंजू के घर से गिरफ्तार किया था।
खूंटी स्थित मानव तस्करी निरोधी प्रकोष्ठ की अधिकारी रह चुकीं अनुराधा सिंह के अनुसार दिल्ली की शकूरपुर बस्ती इलाके की झुग्गी कॉलोनी में जहां से योगेंद्र साव को गिरफ्तार किया वह पन्नालाल महतो का है, जो स्वयं मानव तस्करी का गिरोह चलाता है और पुलिस को अनेक मामलों में वांछित था। इसके साथ ही योगेंद्र साव को एक कंपनी से रंगदारी मांगने के मामले में ढाई साल सजा भी हो चुकी है।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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