गांगुली ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार हत्यारों को संरक्षण दे रही है। ऐसा कोई राज्य नहीं है जहां चुनाव के बाद सरकार प्रायोजित हिंसा होती हो। उन्होंने कहा, “पश्चिम बंगाल में पैदा होना कोई अपराध नहीं है। हमें भी जीने का हक चाहिए। यह दक्षिणेश्वर महाकाली की भूमि है।” उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में लोग जीने लायक नहीं रह गए हैं। वहां अब राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए।
उनके बयान के बाद राज्यसभा की कार्यवाही कुछ देर प्रभावित हुई। तृणमूल कांग्रेस के सदस्य ने सदन के मध्य में आकर शोर-शराबा किया। इस पर सत्ता पक्ष ने भी नारे लगाए। हंगामा बढ़ता देख उप सभापति ने सदन को करीब 25 मिनट के लिए स्थगित कर दिया।
गागुंली ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि पीड़ितों को पहले मारा-पीटा गया और फिर उन्हें बाधकर जिंदा जला दिया गया।
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