श्री राम सेना ने महाशिवरात्रि उत्सव पर राघव चैतन्य शिवलिंग को शुद्ध करने के लिए एक कार्यक्रम की घोषणा की थी और मुस्लिम समूहों ने उसी दिन शबाब-ए-बारात जुलूस की योजना बनाई थी। जिसको लेकर कलबुर्गी जिला प्रशासन ने 27 फरवरी से 3 मार्च तक निषेधाज्ञा लागू कर दी। श्री राम सेना के नेता प्रमोद मुथालिक और कुछ अन्य को जिले से प्रतिबंधित कर दिया गया था।
पुलिस ने कहा कि हिंदू और मुस्लिम समूहों द्वारा निषेधाज्ञा के बावजूद लाडले मशक 'दरगाह' तक पहुंचने की कोशिश के एक दिन बाद उत्तरी कर्नाटक के कलबुर्गी जिले के अलंद क्षेत्र में 167 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और पांच प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।
अलंद के पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) वीरया हिरेमठ ने कहा कि तनाव था क्योंकि कुछ हिंदू कार्यकर्ता शुद्धिकरण कार्यक्रम आयोजित करने पर अड़े थे। हमने एक शांति बैठक की व्यवस्था की और दोनों समुदायों के छोटे समूहों को 'दरगाह' पर जाने की अनुमति दी।
डीएसपी ने बताया कि मंगलवार को आईजीपी, डीसी और कई अन्य पुलिस अधिकारियों के वाहनों पर पथराव किया गया। मुस्लिम समूह हमले के लिए तैयार थे। उन्होंने हथियार इकट्ठा किए थे और उन्हें सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित भी किया था। पथराव और हमले की तैयारी के लिए मामले दर्ज किए गए थे। पुलिस ने मुस्लिम समूहों के खिलाफ पांच प्राथमिकी दर्ज की।
डीएसपी हिरेमठ ने बताया कि एक झूठा प्रचार चल रहा है कि दो लोगों की मौत हो गई, जो सच नहीं है। दो लोगों की मौत प्राकृतिक कारणों से मौतें हुईं।
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