पिथौरागढ़ में बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष ने स्पष्ट कर दिया है कि वर्तमान विधायक अपना टिकट पक्का नहीं समझें। उन्होंने कहा है कि कार्यकर्ताओ के फीडबैक, सर्वे के आधार पर पर्यवेक्षक अपनी- अपनी रिपोर्ट देंगे उसी के बाद टिकट तय होंगे।
बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष के इस बयान से साफ हो गया है कि इसबार बीजेपी टिकट बहुत से मौजूदा विधायकों को नहीं मिलने वाले हैं। 2017 में बीजेपी 70 में से 57 सीटें लेकर प्रचंड बहुमत लेकर सरकार में आई थी। बीजेपी के आगे चुनौती सरकार वापसी करने की है। उत्तराखंड में एक बार कांग्रेस, एक बार बीजेपी की सरकार अभी तक बनने की परंपरा रही है। केंद्र सरकार की एक लाख करोड़ की योजनाओं में मदद के बावजूद राज्य की बीजेपी सरकार ने अपने तीन मुख्यमंत्री बदले, जिसकी वजह से बीजेपी का ग्राफ भी थोड़ा नीचे गिरा, जिसे अब पुष्कर धामी ने काफी हद तक उठा दिया है। बीजेपी अब अगले चुनाव में 70 साल से ऊपर के विधायकों के टिकट काटने और युवाओं को मौका देने मंशा रख सकती है। इसके अलावा कार्यकर्ताओं और जन मानस की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरने वालों के टिकट भी साफ हो सकते हैं।
कार्यकर्ताओं से फीडबैक ले रही बीजेपी
खबर है कि बीजेपी ने स्वतंत्र एजेंसियों से सर्वे भी करवाया है, इसके अलावा संघ परिवार की रिपोर्ट भी बीजेपी विधायकों और नेताओं का भविष्य तय करेगी। बीजेपी सूत्रों के मुताबिक वर्तमान में 20 विधायकों के टिकट खतरे में है। इनकी जगह राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व नए ऊर्जावान लोकप्रिय नेताओं को टिकट देकर सत्ता में वापसी की राह देख रही है। बीजेपी के महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष के अलावा, राज्य प्रभारी दुष्यंत गौतम, चुनाव प्राभारी प्रह्लाद जोशी, सह प्रभारी एमपी सिंह लॉकेट चटर्जी, महामंत्री अजेय कुमार (राज्य संगठन) भी हर जिले में जाकर बैठक करके कार्यकर्ताओं से फीडबैक ले रहे हैं और वर्तमान विधायकों से भी बन्द कमरे में बातचीत कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक केंद्रीय नेतृत्व सभी जिलों में चुनाव पर्यवेक्षक भी भेज रहे हैं जोकि तीन नाम हर सीट से तय करके हाई कमान को भेजेंगे, जहां पार्लियामेंट बोर्ड टिकट पर अंतिम निर्णय लेगा।
कांग्रेस प्रत्याशी बदलने के मूड में नहीं
उधर कांग्रेस अपने वर्तमान विधायकों को और बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में आये विधायकों को टिकट देने का मन बना चुकी है। कांग्रेस प्रत्याशी बदलने के मूड में नहीं है। पार्टी उन नेताओं को भी टिकट देने जा रही है, जिनके 2017 में एक हजार से कम मार्जिन से हार हुई थी। कांग्रेस ने वर्तमान अध्यक्ष और चार कार्यकारी अध्यक्षों को भी टिकट देगी। ऐसा तय माना जा रहा है। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार वो अपने टिकट जनवरी के दूसरे सप्ताह तक फाइनल कर देगी। दूसरी ओर आम आदमी पार्टी के टिकट लगभग फाइनल हो चुके है। 'आप' सभी सत्तर सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है। समाजवादी पार्टी और बसपा भी अपने उम्मीदवार तय करने में लगी है। इन दोनों दलों को लगता है कि यदि उनके पाले में दो, तीन सीटें भी आ गई तो वो किंग मेकर की भूमिका में आजाएंगी। बहरहाल इस समय सभी दलों के नेता अपने टिकटों की भागदौड़ में लगे हुए हैं। राष्ट्रीय दलों के बड़े नेताओं की जनसभा के लिए कौन कितनी भीड़ लाया, इस पर भी नजर रखी जा रही है।
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