करीब दो वर्ष पहले कश्मीर से तुर्की पढ़ने गए 100 छात्रों को लेकर भारत की खुफिया एजेंसियां चिंतित हैं। उनको लेकर मिल रही सूचनाएं वास्तव में चिंता बढ़ाने वाली हैं। बताया गया कि सभी छात्रों को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी अपने जाल में फांसने को पुरजोर कोशिश में है, ताकि पिछले तीन वर्षों में घाटी में उसके द्वारा भेजे गए आतंकवादियों के पांव उखड़ जाने के कारण हिंसा फैलाने वाली नई फसल खड़ी की जा सके।
करीब दो वर्ष पहले कश्मीर से तुर्की पढ़ने गए 100 छात्रों को लेकर भारत की खुफिया एजेंसियां चिंतित हैं। उनको लेकर मिल रही सूचनाएं वास्तव में चिंता बढ़ाने वाली हैं। बताया गया कि सभी छात्रों को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी अपने जाल में फांसने को पुरजोर कोशिश में है, ताकि पिछले तीन वर्षों में घाटी में उसके द्वारा भेजे गए आतंकवादियों के पांव उखड़ जाने के कारण हिंसा फैलाने वाली नई फसल खड़ी की जा सके।
उल्लेखनीय है कि हाल में लोकसभा में एक सवाल के जवाब में गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने बताया था कि पिछले तीन वर्षों में कश्मीर में सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त आॅपरेशन में 635 के करीब आतंकवादी मारे गए। दो आतंकवादी संगठनों की कमर पूरी तरह टूट चुकी है। चूंकि पाकिस्तान की सियासत कश्मीर पर टिकी है, इसलिए वहां सरकार की कोशिश रहती है कि किसी तरह भारत के स्वर्ग को बेपटरी रखा जाए। पुलवामा आतंकवादी हमला और अनुच्छेछ 370 हटने के बाद तो पाकिस्तानपरस्त आतंकवादी संगठन बिल्कुल टूट चुके हैं।
भारत से रिश्ते खराब होने से अब कश्मीर के छात्र वहां पढ़ने भी नहीं जा रहे। पिछले एक वर्षों में पाकिस्तान की ओर से चार हजार बार से अधिक सीजफायर का उल्लंघन भी किया गया है।
बहरहाल, कश्मीर को दोबार गरमाने के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने उन 100 छात्रों को अपने संपर्क में लेना शुरू किया है जो 2019 में छात्रवृति पर तुर्की गए थे। तुर्की 1992 से छात्रवृत्ति पर दूसरे देशों के छात्रों को अपने यहां अध्ययन के लिए बुलाता रहा है। 2019 में करीब 53000 छात्रों ने तुर्की की छात्रवृृत्ति के लिए आवेदन किए थे, जिनमें से 17,500 छात्र इसमें सफल हुए। उन छात्रों में 100 कश्मीर के भी थे।
देश की आंतरिक एवं बाहरी सुरक्षा में लगी एजेंसियों ने घाटी के उक्त छात्रों को लेकर अपनी चिंता गृह मंत्रालय से जताई है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि तुर्की गए घाटी के 100 छात्रों को लक्षित कर पाकिस्तान अपने मंसूबे को अंजाम देने की फिराक में है। इसके लिए उनके बीच भारत विरोधी पर्चे बांटे जा रहे हैं। आईएसआई ने उनका ब्रेनवाश करने के लिए कुछ स्थानीय तुर्कियों को लगाया गया है। इसके लिए तुर्की में साइबर सेल का भी गठन किया गया है। तुर्की को लेकर जानकारी मिली है कि सीरिया के आतंकवादी संगठन भी उसके संपर्क में है, जो इस योजना को सिरे चढ़ाने में पाकिस्तान और तुर्की की मदद कर रहा है। कश्मीर के मुददे पर तुर्की का भारत विरोधी रूख रहा है।
टिप्पणियाँ