हरिद्वार के सुल्तानपुर कस्बे में बन रही आलीशान मस्जिद को लेकर चर्चाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिला प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इस मामले की गहनता से जांच की जाए ताकि पता लगाया जा सके कि इतना बड़ा धार्मिक ढांचा कैसे बना? उल्लेखनीय है कि सुल्तानपुर में निर्माणाधीन विशाल मस्जिद और उस पर 250 फीट ऊंची मीनार बनाए जाने के बाद हरिद्वार के संत समुदाय में गहरा आक्रोश है। संत समुदाय का कहना है कि सनातन क्षेत्र में यह एक साजिश के तहत बनाया जा रहा है और इस मामले में जिला प्रशासन की लापरवाही उजागर होती दिख रही है।
आपको बता दें कि उत्तराखंड में किसी भी इमारत को 100 फीट से ऊंचा बनाने की अनुमति नहीं है और इसके टावर की ऊंचाई 250 फीट बताई गई है। इतने ऊंचे टावर के निर्माण के लिए सरकार, आईआईटी रुड़की, अग्निशमन सेवा व अन्य विभागों से अनुमति जरूरी है, जो नहीं ली गई है। संत समाज द्वारा मस्जिद में हुए करोड़ों के खर्चे को लेकर भी सवाल उठाए गए है कि आखिर इसकी फंडिंग कौन कौन कर रहा है। फिलहाल उक्त मस्जिद का निर्माण कार्य डीएम मयूर दीक्षित के निर्देश पर रोक दिया गया है और मस्जिद निर्माण संबंधी दस्तावेजों को दिखाने को बोला गया है।
स्मरण रहे कि उक्त मस्जिद को मुस्लिम समर्थकों द्वारा सोशल मीडिया पर उत्तराखंड की सबसे बड़ी मस्जिद के रूप में प्रचारित किया जा रहा है। जिसकी प्रतिक्रिया स्वरूप हिन्दू संगठनों ने खास तौर पर संत समाज ने गहरी नाराजगी जाहिर की है। हरिद्वार के साधु-संतों का मामला मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तक पहुंचने के बाद यह मामला सरकार और जिला प्रशासन के बीच चर्चा के केंद्र में है। सीएम धामी ने कहा है कि देवभूमि में अवैध निर्माण और अवैध अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा है कि इस मामले में रिपोर्ट मांगी गई है, साथ ही सरकार जल्द ही अवैध रूप से बनाए जा रहे धार्मिक ढांचों को लेकर बड़ा फैसला ले सकती है।
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