चुनाव आयोग एक संवैधानिक बॉडी है। इसका कार्य निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से देश में चुनाव करवाना है। आयोग ने अपनी इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाया भी है। लेकिन, राजनीतिक पार्टियों की आलोचना का शिकार भी हर बार यही होता है। खास तौर पर कांग्रेस तो सीधे आयोग को धमकाने पर उतर आई है। ताजा मामला कांग्रेस के सांसद और एलओपी राहुल गांधी का है। उन्होंने एक बार फिर से आयोग पर वोटों की चोरी का आरोप लगाते हुए कहा मेरे पास वोट चोरी के 100 फीसदी सबूत हैं। इसके साथ ही उन्होंने धमकी दी कि अगर आय़ोग के अधिकारी सोचते हैं कि वो बच जाएंगे तो वो गलत हैं, सत्ता बदलेगी और हम आपको रिटायर होने के बाद भी नहीं छोड़ेंगे।
राहुल गांधी ने संसद परिसर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान ये धमकी दी। उन्होंने ये भी कहा कि हम आखिर तक चुनाव आयोग के पीछे पड़े रहेंगे। उन्होंने कर्नाटक की एक लोकसभा सीट पर कथित तौर पर वोट चोरी होने का आरोप लगाते हुए आरोप लगाया कि ये मामला सिर्फ एक सीट तक सीमित नहीं, बल्कि देशभर में ऐसा हो रहा है।
#WATCH | Delhi: "We have open and shut proof that the Election Commission is involved in vote theft… Most importantly, whoever in the Elections Commission is involved in this exercise, right from top to bottom, we will not spare you. You are working against India and this no… pic.twitter.com/vrP5ZUZoym
— ANI (@ANI) August 1, 2025
क्या है राहुल का आरोप?
राहुल गांधी का कहना है कि कर्नाटक की एक लोकसभा सीट पर चुनाव आयोग ने धांधली की इजाजत दी। उनके मुताबिक, कांग्रेस ने छह महीने की मेहनत से मतदाता सूची का डिजिटल विश्लेषण किया और पाया कि हजारों नए वोटर जोड़े गए, जिनकी उम्र 45 से 65 साल के बीच थी। साथ ही, कई पुराने और वैध वोटरों के नाम हटा दिए गए। राहुल ने इसे “चुनाव की चोरी” करार देते हुए कहा कि ये सिर्फ कर्नाटक की बात नहीं, बल्कि महाराष्ट्र और बिहार जैसे राज्यों में भी ऐसा हो रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि ये सबूत जल्द ही “एटम बम” की तरह फटेंगे।
बिहार में मतदाता सूची विवाद
राहुल ने बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर भी सवाल उठाए। उनका आरोप है कि इस प्रक्रिया के नाम पर दलित, आदिवासी, ओबीसी और अल्पसंख्यक वोटरों के नाम काटे जा रहे हैं। बिहार में हाल ही में घर-घर जाकर की गई जांच में 52 लाख वोटर अपने पते पर नहीं मिले और 18 लाख की मृत्यु हो चुकी थी। राहुल का कहना है कि ये सब वोट चोरी का हिस्सा है। विपक्षी गठबंधन INDIA ने इस मुद्दे पर संसद के अंदर और बाहर लगातार तीन दिन तक विरोध किया। जबकि हकीकत ये है कि चुनाव आयोग की जांच में अवैध तरीके से राज्य में रह रहे लोगों का सत्यापन किया जा रहा है।
पहले भी चुनाव आयोग को धमकाते रहे हैं राहुल गांधी
खास बात ये है कि ये कोई पहली बार नहीं है जब कोई कांग्रेस नेता इस प्रकार से एक संवैधानिक बॉडी को धमका रहा है। अगर राहुल गांधी की ही बात करें तो इससे पहले भी वह आयोग पर निराधार आरोप लगाते हुए उसे धमका चुके हैं। इसी साल फरवरी में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति पर उन्होंने नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए असहमति पत्र जारी किया था। वह पिछले साल हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी धांधली का आरोप लगा चुके हैं। उन्होंने इसे लोकतंत्र में धांधली का ब्लूप्रिंट बताया था। गौरतलब है कि जब कहीं कांग्रेस या उससे समर्थित दल चुनाव जीत जाते हैं तो इसे वे लोकतंत्र की जीत करार देते हैं। लेकिन, अगर वे हार जाएं तो ईवीएम पर सवाल उठाने लगते हैं।
चुनाव आयोग का जवाब
चुनाव आयोग ने राहुल के आरोपों को “निराधार” और “भ्रामक” बताया। आयोग का कहना है कि कर्नाटक में मतदाता सूची की प्रक्रिया पारदर्शी थी। ड्राफ्ट और फाइनल मतदाता सूची की कॉपी सभी मान्यता प्राप्त पार्टियों, जिसमें कांग्रेस भी शामिल है, को दी गई थी। कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले 9.17 लाख दावे और आपत्तियां मिली थीं, जिनका निपटारा किया गया। आयोग ने ये भी पूछा कि अगर कांग्रेस के पास सबूत हैं, तो उन्होंने कोर्ट में याचिका क्यों नहीं दायर की?
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