लव जिहाद तो कहीं लालच देकर युवक और युवतियों को मुसलमान बनाया जा रहा है। ऐसी सभी घटनाओं को देखते हुए लगता है कि एक ‘संगठित नेटवर्क’ के जरिए ऐसा किया जा रहा है। जांच एजेंसियां हर पहलू से मामले की जांच में जुटी हुई हैं।
कन्वर्जन की इस साजिश में ‘लव-जिहाद’ इस नेटवर्क के लोगों का एक बड़ा हथियार बना हुआ है। हिंदू युवतियाें को प्रेम के नाम पर छला जा रहा है। ऐसे में कोई संदेह नहीं है कि ‘गजवा-ए-हिंद’ का सपना लिए हुए कुछ जिहादी तत्व देश के विभिन्न राज्यों में सक्रिय हैं, जिन्हें मुस्लिम देशों से कन्वर्जन के लिए फंडिंग भी मुहैया कराई जाती है।
आगरा पुलिस ने खोला रैकेट
हाल ही में आगरा पुलिस ने भी कन्वर्जन के एक ऐसे ही गिरोह का पर्दाफाश किया है। पिछले दिनों आगरा के सदर क्षेत्र से लापता दो सगी बहनों को पुलिस ने कोलकाता से बरामद किया था। दोनों बहनों का कन्वर्जन कराया जा चुका था। दोनों को पांच वक्त की नमाज पढ़ाई जाती थी। उनका निकाह कराने की भी तैयारी की जा रही थी। उन्हें और ज्यादा कट्टरपंथी बनाने के लिए पूरे-पूरे दिन जाकिर नाइक के वीडियो दिखाए जाते थे।
पुलिस ने गिरोह के माफिया अब्दुल रहमान को दिल्ली के मुस्तफाबाद से गिरफ्तार किया। देशभर में उसके गिरोह के लोग फैले हुए थे। उसके दोनों बेटों को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। अब्दुल रहमान मूल रूप से आगरा के पास स्थित फिरोजाबाद जिले के रामगढ़ गांव का रहने वाला है। वह पहले हिंदू था, तब उसका नाम महेंद्र पाल जादौन था। 1990 में उसने कन्वर्जन किया था। पहले वह ईसाई बना था, इसके बाद मुसलमान बना और दिल्ली में बस गया।
रोहतक की युवती हुई बरामद
अब्दुल रहमान के घर से रोहतक की रहने वाली एक लड़की को बरामद किया गया, जिसका कन्वर्जन कराया गया था। लड़की ने पुलिस को बताया कि दिल्ली के रहने वाले जुनैद नाम के युवक ने उससे फेसबुक पर दोस्ती की थी। युवती निम्न मध्यवर्गीय परिवार की है। आरोपी जुनैद से उसकी मुलाकात सात साल पहले, वर्ष 2018 में हुई थी। युवती के पिता एक फैक्ट्री में काम करते हैं। उसके घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। जुनैद युवती से हमदर्दी दिखाकर उसके करीब आया। दोनों एक-दूसरे के साथ सुख-दुख बांटने लगे। पहले से शादीशुदा जुनैद ने धीरे-धीरे लड़की का ब्रेनवॉश करना शुरू किया।
जब युवती के परिजनों ने उसकी शादी कहीं और पक्की कर दी, तो वह उसे घर से भगा कर ले गया। जुनैद उसे अपने दिल्ली के मुस्तफाबाद में रह रहे अब्दुल रहमान के यहां ले गया। वहीं युवती का जुनैद से निकाह कराया गया। निकाह के लिए काजी राजस्थान से बुलाया गया था। पुलिस अब राजस्थान के उस काजी को भी तलाश रही है। जुनैद और अब्दुल रहमान दोनों ने पीड़िता का ब्रेनवॉश किया था। युवती ने पुलिस को बताया है कि शादी के एक महीने बाद ही जुनैद ने उसे तलाक दे दिया था, बावजूद इसके उसे अब्दुल रहमान के घर में बंधक बनाकर रखा गया। इससे पहले उसे दिल्ली के शाहीन बाग स्थित एक हॉस्टल में भी रखा गया था।
पॉडकॉस्ट से फैलाता था कट्टरपंथ
अब्दुल रहमान को उसके गिरोह से जुड़े हुए लोग ‘रहमान चाचा’ बुलाते थे। वह एक यूट्यूब चैनल चलाता था और अपने पॉडकास्ट के जरिए ‘इस्लामी कट्टरपंथ’ फैलाता था और हिंदू धर्म के खिलाफ नफरती प्रोपेगेंडा करता था। जिस तरह से छांगुर के घर से पुलिस ने कन्वर्जन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मजहबी किताबें बरामद की थीं, वैसी ही किताबें अब्दुल रहमान के घर से भी बरामद हुई हैं। रहमान का संबंध अवैध कन्वर्जन मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कलीम सिद्दीकी से होने की बात भी सामने आई है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) भी कन्वर्जन गिरोह के बारे में जानकारी जुटा रही है।
आयशा संभालती थी प्रबंधन
पुलिस ने अब्दुल रहमान के गिरोह का वित्तीय प्रबंधन संभाल रही आयशा नाम की युवती को गोवा से गिरफ्तार किया है। उसने पुलिस को बताया कि सात साल पहले वह कन्वर्जन करएसबी कृष्णा से आयशा बनी थी। इसके बाद वह गिरोह की रीढ़ बन गई थी। इंस्टाग्राम और फेसबुक पर बनाकर वह लोगों से जुड़ती थी। पुलिस उसके मोबाइल की जांच कर यह जानने का प्रयास कर रही है कि उसने कहां-कहां से पैसा ट्रांसफर होता था। उसकी चल और अचल संपत्ति के बारे में भी जानकारी हासिल की जा रही है।
छांगुर और रहमान में कोई संबंध तो नहीं!
जांच एजेंसियों को अब यह भी देखना चाहिए कि भारत में फैले इस कन्वर्जन गिरोह के दो सरगनाओं अब्दुल रहमान और छांगुर उर्फ जलालुद्दीन के बीच कोई संबंध तो नहीं है। क्योंकि दोनों का ही कन्वर्जन का तरीका एक जैसा ही निकला है, दोनों के विदेशों से संबंध होने की बात सामने आई है। दोनों के पास ही मजहबी किताबें ली हैं।
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#लव जिहाद
क्या काॅमरेड अच्युतानंदन जैसा साहस करेंगे ?
गत 21 जुलाई को केरल के मुख्वमंत्री रहे वरिष्ठ वामपंथी नेता वी. एस. अच्युतानंदन का निधन हुआ। उन्होंने 2006 में ही केरल विधानसभा में ‘लव जिहाद’ का मुद्दा उठाया दिया था। इसके बाद 2010 में उन्होंने दिल्ली में मीडिया के सामने भी बयान दिया था कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई पर अब प्रतिबंध लगाया जा चुका है) आगामी 20 वर्षों में केरल को एक इस्लामी राज्य में बदलने की योजना पर काम कर रहा है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए यह संगठन धन और लव जिहाद का इस्तेमाल कर रहा है। क्या उनकी तरह कोई अन्य वामपंथी नेता ऐसा बोलने का साहस कर सकता है? ये सवाल उन तमाम सेक्युलरों और वामपंथी नेताओं से है जो इस मुद्दे पर बोलने से कतराते हैं।
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