तकनीकी जीवन को आसान बनाती है, लेकिन तब तक जब तक उसका नियंत्रण व्यक्ति के पास हो। तकनीक जब व्यक्ति के दिमाग को नियंत्रित करने लगता है तो परिणाम जानलेवा तक हो जाते हैं। मोबाइल ने हर व्यक्ति तक पहुंच आसान की है, लेकिन इसके दुष्प्रभाव भी सामने आ रहे हैं। बच्चे घर में मोबाइल पर गेम्स में लगे रहते हैं तो युवा और बुजुर्ग भी राह चलते मोबाइल देखते रहते हैं। हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें एक बुजुर्ग प्लेटफार्म पर बैठकर मोबाइल फोन देख रहे थे। उनकी ट्रेन आई और आकर चल भी दी, लेकिन उन्हें पता तब चला जब जाते समय उसकी स्पीड बढ़ गई। बुजुर्ग ट्रेन पकड़ने के लिए दौड़े लेकिन गिर गए। एक सुरक्षाकर्मी ने उनकी जान बचाई। यह तब हुआ जब प्रोडक्ट ने व्यक्ति के दिमाग पर नियंत्रण कर लिया। मोबाइल गेम्स भी इसी तरह होते हैं। महाराष्ट्र से ऑनलाइन गेम पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठी है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य में ऑनलाइन गेम्स पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है। राज्य सरकार ने युवाओं पर ऑनलाइन गेम्स के हानिकारक प्रभाव, साइबर अपराध और आत्महत्याओं में लगातार हो रही वृद्धि को देखते हुए मौजूदा नियमों की अपर्याप्त बताया है। उन्होंने केंद्र सरकार से इसके खिलाफ सख्त कानून लाने की सिफारिश की। फडणवीस ने सोमवार (21 जुलाई) को विधानसभा में कहा कि ऑनलाइन गेम्स पर प्रतिबंध लगाने वाला कोई कानून नहीं है। केंद्र को पत्र लिखकर ऑनलाइन मनी गेम्स को प्रतिबंधित करने का आग्रह किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स में फडणवीस के हवाले से कहा गया है, “ऑनलाइन गेमिंग विनियमन केंद्र के अधिकार क्षेत्र में है, क्योंकि इनमें से अधिकांश प्लेटफॉर्म भारत के बाहर होस्ट किए जाते हैं। हम इस बढ़ते खतरे से निपटने के लिए केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
कुछ वर्षों में कई दिल दहला देने वाले मामले सामने आए
पिछले कुछ वर्षों में राज्य में ऑनलाइन गेम्स के कई दिल दहला देने वाले मामले सामने आए हैं। जून 2025 में धाराशिव जिले के बावी गांव में ऑनलाइन गेम्स की लत के कारण भारी कर्ज में डूबे एक ट्रैक्टर चालक ने अपनी जमीन बेच दी। जब इससे भी वह पूरा कर्ज नहीं दे पाया तो उसने गर्भवती पत्नी और दो साल के बच्चे को जहर दे दिया और फिर आत्महत्या कर ली। मृतक ट्रैक्टर चालक की पहचान 29 वर्षीय लक्ष्मण जाधव के रूप में हुई थी। वहीं, पिंपरी-चिंचवाड़ में एक 16 वर्षीय लड़के ने ऑनलाइन गेम्स की लत के कारण 14वीं मंजिल की बालकनी से छलांग लगा दी थी। इसके अलावा गेम्स से जुड़ी साइबर धोखाधड़ी भी तेजी से बढ़ रही है। नवी मुंबई में एक व्यवसायी ने दो साल में ऑनलाइन सट्टेबाजी में 2.74 करोड़ रुपये गंवा दिए, जिसके बाद पुलिस में एफआईआर दर्ज की गई।
‘सेलिब्रिटी विज्ञापनों पर भी हो कड़ी कार्रवाई’
फडणवीस ने चेतावनी दी है कि अनियंत्रित गेमिंग प्लेटफॉर्म नए जमाने की लत है, जो मानसिक स्वास्थ्य संकट और आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं। ऑनलाइन गेमिंग से युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है। उन्होंने सट्टेबाजी को बढ़ावा देने वाले सेलिब्रिटी विज्ञापनों पर भी कड़ी कार्रवाई करने को कहा है। आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2023 से अब तक लगभग 97 अवैध सट्टेबाजी के मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें मुंबई के दर्जनों केस शामिल हैं। राज्य की साइबर पुलिस ने तलाशी तेज कर दी है। इसके लिए तीन हजार अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है। अपराधियों की धड़पकड़ के लिए 50 साइबर लैब खोली गई हैं और हेल्पलाइन सेवाएं 1945/1930 शुरू की गई हैं।
ऑनलाइन गेम्स देश के लिए चिंता का विषय
बच्चों और युवाओं में ऑनलाइन गेम्स की लत देश के लिए चिंता का विषय है। कई अभिभावक बच्चों के घंटों स्क्रीन से चिपके रहने के कारण परेशान हैं। इसकी वजह से बच्चे खाना नहीं खाते, नींद नहीं लेते और यहां तक कि केवल ऑनलाइन गेम खेलने के लिए पढ़ाई को अनदेखा करते हैं। शौक के रूप में शुरू हुई ऑनलाइन गेम्स अब कई परिवारों के लिए एक गंभीर समस्या में बदल गई है। इसके कारण बच्चे वास्तविक दुनिया से तेजी से डिस्कनेक्ट हो रहे हैं।
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