बिहार का एकमात्र मुस्लिम बहुल जिला किशनगंज अनेक कारणों से बराबर चर्चा में रहता है। अभी यहां निवास प्रमाणपत्र को लकर काफी गहमागहमी है। अब तक निवास प्रमाणपत्र के लिए तीन लाख आवेदन आ चुके हैं। इनमें से 2 लाख आवेदनों पर प्रशासन ने रोक लगा रखी है। इससे जो संकेत मिल रहे हैं, वे देश के लिए खतरनाक हो सकते हैं।
इसी के साथ इस जिले में जमीन हथियाने का एक नया खेल चल रहा है। कुछ लोग इसे ‘जमीन जिहाद’ भी कह रहे हैं। रिपोर्ट पढ़ने के बाद आप भी स्वयं तय कर सकते हैं कि इस मामले को क्या कहा जाए। इस प्रकरण से हिंदू किसान परेशान हैं।
इस जिले में वित्तीय वर्ष 2024-25 में ‘परिमार्जन प्लस पोर्टल’ पर 10 लाख से अधिक आवेदन जमीन से संबंधित त्रुटियों के निराकरण के लिए आए हैं। अच्छी बात यह है कि आधे से अधिक आवेदनों का निस्तारण भी हो गया है। बाकी आवेदनों पर अदालत से लेकर थाने स्तर तक कार्रवाई हो रही है। जिले के विभिन्न थानों में जमीन विवाद के दर्जनों आवेदन पड़े हैं। थानों में प्रत्येक शनिवार को ‘जनता दरबार’ लगता है। इसमें दोनों पक्षों की बात सुनकर सुलह कराने का प्रयास होता है, लेकिन कई ऐसे मामले हैं, जो पुलिस अधिकारियों को भी चिंता में डाल रहे हैं। अभी कुछ दिन पहले दिघल बैंंक थाने में जनता दरबार लगा। इसमें थाना प्रभारी सुमेश कुमार और दिघल बैंक प्रखंड के राजस्व कर्मचारी आशुतोष कुमार उपस्थित रहे। आशुतोष कुमार के अनुसार इसमें अनेक मामलों को सुलझा लिया गया, लेकिन एक मामला नहीं निपटा। इस कारण उसे अनुमंडल पदाधिकारी को अग्रसारित कर दिया गया है।
मामला शम्भूनाथ झा एवं शताबुर रहमान तथा जुबेर आलम के बीच जमीन विवाद का है। कुछ दिन पहले शम्भूनाथ झा ने वैद्यनाथ झा से 4.64 डिस्मिल जमीन खरीदी है। इसका खाता नंबर है—85, खेसरा नंबर—5 और मौजा दुसरी पड़ता है। अब शताबुर रहमान और जुबेर आलम कह रहे हैं कि उक्त जमीन में से दो डिस्मिल उन्होंने वैद्यनाथ झा के भाई देवनाथ झा से खरीदी है। वास्तव में उपरोक्त जमीन वैद्यनाथ झा के नाम से ही थी। इसलिए वे उसे बेचने का अधिकार रखते हैं। लेकिन शताबुर रहमान और जुबेर आलम उनके भाई देवनाथ झा की आड़ में उस जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं। कहा जा रहा है कि शताबुर रहमान और जुबेर आलम ने फर्जी रजिस्ट्री करा रखी है। उसी के आधार पर ये दोनों उक्त जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं।
ऐसा ही एक और दूसरा मामला है। दिघल बैंक थाना क्षेत्र की पंचायत धनतोला के कामतबस्ती निवासी सूरज कुमार महतो ने 2 जनवरी, 2018 को 24 डिस्मिल और 5 जनवरी, 2018 को एक एकड़ 65 डिस्मिल जमीन स्व. कर्ण बहादुर सिंह, पिता-श्री लाल सिंह, साकिन-डोरिया थाना-दिघल बैंक जिला-किशनगंज से खरीदी है। तभी से वे उस जमीन पर खेती कर रहे हैं। अब जमीन जिहाद से जुड़े एक व्यक्ति ने उस जमीन पर अपना दावा कर दिया है। वे लोग सूरज को उस पर खेती नहीं करने दे रहे हैं। उनके साथ मारपीट कर रहे हैं। अब वह मामला थाना पहुंच गया है। सूरज ने बताया कि कुछ भू-माफिया द्वारा उसकी जमीन पर कब्ज़ा करने के लिए जबरन उन पर दबाव बनाया जा रहा है। झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दे रहे हैं।
सूत्रों की मानें तो उपरोक्त दोनों मामलों में जमीन जिहाद से जुड़े लोग काम कर रहे हैं। ये लोग अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों में हिंदुओं की विवादित जमीन पर नजर गड़ाए रहते हैं और मौका मिलते ही उसमें कूद जाते हैं। और जो लोग उनका विरोध करते हैं, उन्हे धमकाया जाता है। तंग आकर बहुत सारे हिंदुओं ने अपनी जमीन बेच दी है। पुलिस में मौजूद सूत्रों ने बताया कि ऐसे मामले बहुत अधिक हो रहे हैं। सब काम छोड़कर पुलिस इन मामलों में ही उलझी रहती हैै यह स्थिति इस सीमावर्ती क्षेत्र के लिए बिल्कुल ठीक नहीं है।
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