उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में दो युवतियों “स्वालेहीन और नूरफातिमा” ने स्वेच्छा से घर वापसी (Ghar Wapsi) कर सनातन धर्म अपनाया और आर्य समाज मंदिर (Arya Samaj Marriage) में पूरे वैदिक रीति-रिवाजों के साथ विवाह कर जीवन भर हिन्दू शैली के अनुसार रहने का निर्णय लिया।
आर्य समाज मंदिर में किया विवाह
प्राप्त जानकारी के अनुसार, 15 जुलाई को हापुड़ स्थित आर्य समाज मंदिर में दोनों युवतियों ने विधिपूर्वक सनातन धर्म (Sanatan Dharma) स्वीकार किया और फिर अपने जीवनसाथियों के साथ वैवाहिक बंधन में बंध गईं।
यह भी पढ़ें – मौलाना छांगुर की ‘लाल डायरी’ से बेनकाब होंगे कई नेता-अफसर, चुनाव में की थी फंडिंग
स्वालेहीन, जो अब शालिनी के नाम से जानी जा रही हैं, ने कटघर थाना क्षेत्र के पंडित नगला निवासी अमित कुमार के साथ विवाह किया।
वहीं, नूरफातिमा, जिन्होंने अब नीलम नाम अपनाया है, ने भोजपुर थाना क्षेत्र के गौरव कुमार को अपना जीवनसाथी चुना।
स्वेच्छा से लिया फैसला
शालिनी (पूर्व में स्वालेहीन) ने बताया कि वह तुर्क बिरादरी से ताल्लुक रखती हैं और उन्होंने बिना किसी दबाव के (Religious Freedom) पूरी स्वतंत्र इच्छा से यह निर्णय लिया है। शालिनी ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह उनका व्यक्तिगत और आत्मिक निर्णय था, जिसमें कोई भी जोर-जबरदस्ती नहीं की गई। उनका मानना है कि यह फैसला उन्हें शांति और स्वतंत्रता की ओर ले जाएगा।
सुरक्षा की मांग
हालांकि, शालिनी ने यह भी बताया कि उनके इस फैसले के बाद परिवार की ओर से उन्हें जान का खतरा है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मुरादाबाद प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाई है, ताकि वे निडर होकर अपना नया जीवन जी सकें।
यह भी पढ़ें – भगवा गमछा पहन आगजनी कर रहा था और मुंह से निकला “या अल्लाह”- योगी
इसी तरह नीलम (पूर्व में नूरफातिमा) ने भी कहा कि उन्होंने गौरव कुमार के साथ आर्य समाज मंदिर में विवाह किया है और अब वह भी सनातन संस्कृति में अपना भविष्य देखती हैं। उन्होंने भी मुख्यमंत्री और पुलिस प्रशासन से सुरक्षा की मांग की है।
सनातन संस्कृति को आगे बढ़ाएंगी
दोनों युवतियों ने साफ कहा कि उन्होंने यह रास्ता पूरी तरह से स्वेच्छा से चुना है, और अब वे अपने नए जीवन, नए नाम और सनातन संस्कृति के साथ आगे बढ़ना चाहती हैं। उन्होंने किसी भी प्रकार की सामाजिक या कानूनी दबाव की बात से इनकार किया है।
टिप्पणियाँ